Al Qaeda terrorist शमा परवीन बचपन से ही कट्टर इस्लामी सोच वाली थी, पर्दा में रहना ज्यादा पसंद
शमा परवीन कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया शहर के हसनाबाद की रहने वाली है। अपने पिता शमशुल हक की 2019 में मौत के बाद से वह बंगलुरु चली गई थी। उसके भाई भी साथ रहते हैं। तीन बहन व दो भाइयों में शमा परवीन सबसे छोटी है। वह बचपन से ही कट्टर इस्लामी सोच वाली थी।

जागरण संवाददाता, कोडरमा। बेंगलुरु में गुजरात एटीएस के हत्थे चढ़ी अलकायदा की मास्टरमाइंड शमा परवीन कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया शहर के हसनाबाद की रहने वाली है। वह शादी नहीं करना चाहती थी। पर्दा में रहना उसे ज्यादा पसंद है। गिरफ्तारी के बाद पता कि इस पर्दा के पीछे राज क्या है।
अपने पिता शमशुल हक की 2019 में मौत के बाद से शमा परवीन का पूरा परिवार बेंगलुरु में रहता है। उसके भाई भी साथ रहते हैं। शमा परवीन की एक बहन कोलकाता में एग्रीकल्चर साइंटिस्ट हैं।
तीन बहन व दो भाइयों में शमा परवीन सबसे छोटी है। जानकारी के अनुसार शमा परवीन बचपन से ही कट्टर इस्लामी सोच वाली है। वह हमेशा पर्दा में रहती है।
दो भाई हैं कंप्यूटर इंजीनियर, बहन एग्रीकल्चर साइंटिस्ट
शमा के परिवार में शमा के अलावा उसकी मां शहनाज खातुन व कुल पांच भाई बहनें हैं। दो भाई शमशेर और आजम कंप्यूटर इंजीनियर हैं। दोनों बेंगलुरु में काम करते हैं। एक बहन शाहिन कोलकाता में एग्रीकल्चर साइंटिस्ट हैं। एक बहन की शादी गिरिडीह जिला में हुई है।
मुहल्लेवालों के अनुसार शमा हमेशा पर्दा व बुर्का में रहती थी। उसकी शिक्षा-दीक्षा के बारे में किसी को स्पष्ट जानकारी नहीं है। लेकिन बताया जाता है कि व अधितकर समय बाहर में रही है और वहीं उसकी पढ़ाई हुई है।
परिवार के अन्य लोगों से नहीं रखती थी अधिक लगाव
सूत्रों के अनुसार परिवार के लोगों ने शमा की शादी के लिए काफी प्रयास किया। लेकिन वह शादी नहीं करना चाहती थी। परिवार के अन्य लोगों से इसका ज्यादा लगाव या संपर्क नहीं रहता था।
अभी उसके असनाबाद स्थित घर में कोई नहीं रहता है। घर को लोगों ने घर को किराये पर लगा रखा है। शमा परवीन लगभग डेढ़ दशक से कोडरमा से बाहर रह रही है। कभी वह हैदराबाद तो कभी बेंगलुरू में रही।
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