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    महेश्वरम धाम मंदिर बनेगा धार्मिक पर्यटन का केंद्र, जगन्नाथपुरी की तर्ज पर हो रहा विकास

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 06:27 PM (IST)

    कोडरमा-गिरिडीह सीमा पर बृंदा गांव में जगन्नाथपुरी के मंदिर की तर्ज पर भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। स्थानीय व्यवसायी महेश सिंह के सौजन्य से बन रहे इस मंदिर का नाम महेश्वरम धाम है। मंदिर का शिखर गुंबद और नक्काशीदार स्तंभ इसे विशेष स्वरूप देंगे। 2026 तक निर्माण पूरा होने का लक्ष्य है जिसके बाद महायज्ञ होगा। परिसर में कई प्रतिमाएं और आकर्षण होंगे।

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    जगन्नाथपुरी की तर्ज पर बन रहा महेश्वरम धाम मंदिर

    संवाद सूत्र, मरकच्चो (कोडरमा)। कोडरमा-गिरिडीह बार्डर पर स्थित बृंदा गांव के टोला जमुनियातारी में जगन्नाथपुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर की तर्ज पर भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से जारी है।यह मंदिर स्थानीय व्यवसायी महेश सिंह के सौजन्य से महेश्वरम धाम नाम से बनाया जा रहा है।

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    महेश सिंह व उनके सहयोगियों प्रवीण कुमार, सत्येंद्र सिंह, संतोष सिंह, विक्रम सिंह, सुनील सिंह और जितेंद्र सिंह ने बताया कि मंदिर की स्थापत्य कला पूरी तरह जगन्नाथपुरी शैली पर आधारित होगी।

    मंदिर का शिखर, गुंबद और नक्काशीदार स्तंभ इसे विशिष्ट स्वरूप देंगे। निर्माण कार्य में ओड़िशा और राजस्थान के कारीगर लगाए गए हैं।

    स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदिर तैयार होने के बाद यह क्षेत्र धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। इससे न केवल धार्मिक माहौल सुदृढ़ होगा, बल्कि पर्यटकों की आमद से स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा।

    मंदिर परिसर में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी थानेश्वर रजवार, अंचलाधिकारी संदीप कुमार मद्धेशिया, थाना प्रभारी आकाश भारद्वाज, आरएसएस विभाग संघचालक सुरेंद्र प्रताप सिंह, प्रो. शिव नारायण ठाकुर समेत कई लोगों ने भाग लिया।

    वहीं, बगोदर के पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह के सौजन्य से मंदिर के पूर्व में तालाब का निर्माण कराया गया है। तालाब के चारों ओर पौधे लगाने व लाइटिंग का कार्य भी हो रहा है।

    महेश सिंह ने बताया कि 2026 के फरवरी-मार्च तक मंदिर का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। इसके उपरांत भव्य महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।

    मंदिर परिसर में भगवान शिव का विशाल शिवलिंग, पार्वती, गणेश, कार्तिक, पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा और मुख्य द्वार पर पत्थर के शेर स्थापित किए जाएंगे।

    इन मूर्तियों का वजन 500 किलोग्राम से 2000 किलोग्राम तक है। साथ ही, परिसर में शादी-विवाह, सांस्कृतिक कार्यक्रम, चिल्ड्रेन पार्क और फूलों का गार्डन भी विकसित किया जा रहा है, जिससे यह स्थल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन सके।