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    'गुलामी के चार लेबर कोड रद्द करो', नारे के साथ कोडरमा में गरजा मजदूर-किसान ने किया विरोध प्रदर्शन

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 05:30 AM (IST)

    कोडरमा में मजदूर और किसान 'गुलामी के चार लेबर कोड रद्द करो' के नारे के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए गरजे। उन्होंने सरकार द्वारा लाए गए श्रम कानूनों के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की और इन कानूनों को रद्द करने की मांग की, क्योंकि उनका मानना है कि ये कानून श्रमिकों के हितों के खिलाफ हैं। किसानों ने भी इस विरोध में सक्रिय रूप से भाग लिया।

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     लेबर कोड रद करने व एमएसपी की गारंटी लागू करने को ले प्रदर्शन। फोटो जागरण

    संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा)। केन्द्रीय ट्रेड यूनियन्स (सीटीयू) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के देशव्यापी आह्वान पर कोडरमा में मजदूरों और किसानों ने समाहरणालय परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य चार लेबर कोड को रद करना और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दिलाना था।

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    प्रदर्शन से पूर्व उर्मिला चौधरी मोड़ से एक विशाल जुलूस निकाला गया, जो कोडरमा बाजार होते हुए जिला मुख्यालय पर पहुंचा और सभा में तब्दील हो गया। जुलूस में शामिल प्रदर्शनकारियों ने मजदूर विरोधी लेबर कोड फाड़ दो, गुलामी का दस्तावेज श्रम संहिता रद्द करो, किसानों का कर्जा माफ करो.. जैसे नारे लगाए।

    कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड राज्य किसान सभा के राज्य संयुक्त सचिव असीम सरकार ने की। सभा को सीटीयू के राज्य सचिव संजय पासवान, जिप सदस्य एवं एटक नेता महादेव राम, सोनिया देवी, उदय द्विवेदी, सीटीयू के जिला सचिव रमेश प्रजापति, जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश, किसान महासभा के राजेन्द्र मेहता, किसान सभा के अर्जुन यादव, महेश सिंह, एक्टू के जिला सचिव विजय पासवान, तुलसी राणा और दामोदर यादव सहित अन्य ने संबोधित किया।

    वक्ताओं ने कहा कि पूंजीपति वर्ग के अधिकतम मुनाफे को सुनिश्चित करने के लिए चार लेबर कोड लागू किए गए हैं। ये कोड मजदूरों के शोषण को और बढ़ाएंगे और उन्हें गुलामी जैसी परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर करेंगे। उन्होंने 2020 के कोरोना काल में हुए ऐतिहासिक किसान आंदोलन और तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के संघर्ष को भी याद किया।

    झारखंड में धान खरीदी नहीं होने से किसान दलालों और बिचौलियों को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं। नेताओं ने बिजली के निजीकरण और स्मार्ट मीटर को आम आदमी के लिए फांसी का फंदा बताया।

    प्रदर्शन में महेंद्र तुरी, ग्यासुद्दीन अंसारी, भिखारी तुरी, शम्भु कुमार, सुरेंद्र राम, पंसस सबिता देवी, सुनील कुमार गुप्ता, दिलीप कुमार सिन्हा, सिकन्दर कुमार, नागेश्वर राम, संदीप कुमार और मो शमीम सहित कई लोग शामिल थे। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन
    भागीरथ सिंह ने किया।