Koderma थर्मल पावर प्लांट में मजदूर की मौत के बाद मजदूरों ने मुख्य गेट किया जाम, ठप रहा काम
कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में एक मजदूर की मौत के बाद श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने प्लांट के मुख्य द्वार को जाम कर दिया, जिससे कामकाज बाधित हो गया। मजदूर मृतक के लिए न्याय और सुरक्षा मानकों में सुधार की मांग कर रहे थे।

दुर्घटना में मजदूर की मौत के बाद प्लांट परिसर में मजदूर आक्रोशित हो गए।
संवाद सूत्र, जागरण जयनगर (कोडरमा)। कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के कोल हैंडलिंग एरिया में बुधवार सुबह दुर्घटना में मजदूर प्रकाश यादव की मौत हो गई। इसके बाद गुरुवार को प्लांट परिसर में मजदूर आक्रोशित हो गए।
गुस्साए मजदूरों ने मृतक का शव मुख्य गेट पर रखकर प्रदर्शन किया और प्लांट के प्रवेश द्वार को सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक जाम रखा। मजदूरों ने मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा और आश्रित को नौकरी देने की मांग की।
मजदूरों ने डीवीसी प्रबंधन पर लगाया गंभीर लापरवाही का आरोप
प्रदर्शन के दौरान मजदूरों ने डीवीसी प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्लांट में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से लचर है और बीते पांच साल से चेतावनी सायरन खराब पड़ा है।
मजदूरों का कहना था कि प्रबंधन की लापरवाही के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। लगभग छह घंटे तक चले हंगामे के बाद दोपहर करीब 12 बजे सीजीएम सह परियोजना प्रधान मनोज कुमार ठाकुर, अमन ज्योति व कौशिक राय के हस्तक्षेप से मजदूरों और प्रबंधन के बीच वार्ता हुई।
इसके बाद प्रकाश यादव के स्वजन को तत्काल 10 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। साथ ही प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के भीतर पांच लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे।
स्वजन को 10 लाख रुपये देने और समझौते के बाद मजदूरों ने हटाया जाम
इसके अलावा मृतक के एक स्वजन को नौकरी देने और उनकी पत्नी को ईपीएफ की 90 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में देने पर सहमति बनी। समझौते के बाद मजदूरों ने जाम हटाया और शव स्वजन को सौंप दिया गया।
हालांकि, पूरे दिन कोई भी मजदूर काम पर नहीं लौटा और प्लांट का संचालन ठप रहा। बताया गया कि बुधवार सुबह लगभग 6.30 बजे एसआरडी प्राइवेट लिमिटेड के अंतर्गत कार्यरत सिंगारडीह निवासी मजदूर प्रकाश यादव कोल हैंडलिंग प्लांट एरिया में काम के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
उन्हें तत्काल कोडरमा सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां से स्थिति नाजुक होने पर उन्हें मेदांता अस्पताल रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
एक्टू के जिला सचिव विजय पासवान ने डीवीसी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्लांट में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। यहां 24 घंटे एंबुलेंस की व्यवस्था तक नहीं है। उन्होंने मांग की कि प्लांट में तत्काल 24 घंटे एंबुलेंस, कार्यस्थल पर सुरक्षा उपकरण और सायरन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

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