निलंबन और वेतन संकट से परेशान था पुलिस चालक, तनाव में दे दी जान
कोडरमा में पुलिस चालक मंसूर आलम की इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्होंने सल्फास खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था जिसके बाद उन्हें रांची रेफर किया गया था। परिजनों के अनुसार मंसूर पिछले तीन महीने से निलंबित थे और उनका वेतन भी रुका हुआ था जिससे वे परेशान थे। परिजनों ने एक पुलिसकर्मी पर साजिश का आरोप लगाया है।

संवाद सहयोगी, कोडरमा। चंदवारा पुलिस लाइन में पदस्थापित पुलिस चालक मंसूर आलम की इलाज के दौरान मौत हो गई। मंगलवार को उन्होंने सल्फास खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था। गंभीर हालत में पहले उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां से रांची रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी जान नहीं बच सकी।
घटना के बाद पुलिस संगठन में आक्रोश है। स्वजनों के मुताबिक मंसूर आलम पिछले तीन माह से निलंबित थे। निलंबन के दौरान उन्हें आधा वेतन मिलना चाहिए था, लेकिन तीन माह से उनका वेतन लंबित था। परिवार के भरण-पोषण को लेकर वे गहरी परेशानी में थे।
साजिश से निलंबन का आरोप
स्वजनों ने आरोप लगाया कि डोमचांच थाना में पदस्थापित एक पुलिसकर्मी की साजिश से उन्हें निलंबित किया गया। बताया जा रहा है कि तनाव में आकर मंसूर ने कई बार अपने सहयोगियों से आत्महत्या की बात कही थी। निलंबन हटाने के लिए वह लगातार सार्जेंट मेजर से गुहार भी लगा रहे थे।
वहीं इस मामले में डीएसपी मुख्यालय रतीभान सिंह बताया कि कार्य में लापरवाही को लेकर पिछले 4 महीने में मंसूर आलम को दो बार सस्पेंड किया गया था। पहले जयनगर थाना से सस्पेंड कर सपही भेजा गया था। फिलहाल में सस्पेंशन की अवधि में पुलिस लाइन में थे।
उन्होंने कहा कि मंसूर आलम की मौत को लेकर सभी बिंदुओं पर जांच की जाएगी। इधर, पुलिस एसोसिएशन में आक्रोश है।
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