Koderma News: मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य ठप, बन्ना गुप्ता आज पहुंचेंगे कोडरमा
Jharkhand Koderma News झारखंड के कोडरमा जिले में निर्माणाधीन मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य करीब दो महीनों से ठप है। झारखंड के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्ता आज यानी शुक्रवार को भारत जोड़ों यात्रा के तहत कोडरमा पहुंचेंगे।

कोडरमा, जासं। Jharkhand, Koderma News कोडरमा जिले में निर्माणाधीन मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य करीब दो महीनों से ठप है। निर्माण कंपनी सिंप्लेक्स इंफ्रा लि. के द्वारा पिछले तीन वर्षों में मात्र 15 फीसद ही निर्माण कार्य पूरा किया जा सका है। इस संबंध में झारखंड भवन निर्माण निगम लिमिटेड के द्वारा संवेदक एजेंसी को बदलने की अनुसंशा की गई है। यह मामला राज्य सरकार के स्तर पर लंबित है।
बन्ना गुप्ता आज पहुंचेंगे कोडरमा
शुक्रवार को झारखंड के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्ता भारत जोड़ों यात्रा के तहत कोडरमा पहुंचेंगे। उनकी यात्रा कोडरमा के करमा में ही समाप्त होगी, जहां मेडिकल कालेज का निर्माण हो रहा है। ऐसे में स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि वस्तुस्थिति देखने के बाद मंत्री इस संबंध में जल्द आवश्यक निर्णय लेंगे। वहीं इस असमंजस के बीच निर्माण कंपनी ने करीब दो माह से निर्माण कार्य बंद रखा है।
2018 में नरेंद्र मोदी ने किया था शिलान्यास
उल्लेखनीय होगा कि वर्ष 2018 में कोडरमा मेडिकल कालेज का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आनलाइन किया था। वहीं निर्माण कार्य वर्ष 2019 में शुरू हो गया था। कंपनी का तर्क है कि कोविड-19 और कई तरह के गतिरोधों के कारण निर्माण में विलंब हो रहा है। लक्ष्य के अनुसार मेडिकल कालेज में वर्ष 2022 से नामांकन शुरू हो जाना था। यदि निर्माण समय पर पूर्ण होता तो 100 मेडिकल के छात्रों को यहां प्रवेश का मौका मिलता। साथ ही इलाके की स्वास्थ्य सेवा भी दुरुस्त होती।
संविदा के चिकित्सकों के भरोसे सदर अस्पताल
जब सरकारी व्यवस्था में हीं खामी होगी तो, ज़ाहिर सी बात है इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा और मामला अगर स्वास्थ्य से जुड़ा हो तो यह गंभीर विषय हो जाता है। हां, इलाज की औपचारिकता पूरी करनी है तो कोई बात नहीं, लेकिन विधिवत इलाज करवाना हो तो ये मुश्किल है। हम बात कर रहे हैं कोडरमा जिला अस्पताल की जहां स्वीकृत पद के विरुद्ध 60 प्रतिशत से भी कम चिकित्सक है। यहां स्वीकृत 30 पद के विरुद्ध कार्यरत हैं मात्र 21 चिकित्सक। इसमें भी चार को छोड़ सभी संविदा पर कार्यरत है। यही हाल जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड और पंचायत स्तर पर अभी भी है, जहां 62 प्रतिशत चिकित्सक के पद रिक्त हैं। यही वजह है कि आम जनता निजी क्लीनिक जाने को मजबूर हैं और निजी क्लीनिक के शोषण दोहन का शिकार होते हैं।
चिकित्सा कर्मियों की भी है कमी
कोडरमा सदर अस्पताल में चिकित्सक, पदाधिकारी, एनएम, टेक्नीशियन सहित 234 आउटसोर्सिंग कर्मी कार्यरत हैं। इनमें 43 ट्रॉली मैन और सफ़ाई कर्मी शामिल हैं, कुछ आउटसोर्सिंग कर्मी अभी कार्यरत नहीं हैं। वहीं कई चिकित्सक, टेक्नीशियन व कर्मियों के पद रिक्त पड़े हैं।
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