Koderma News: कोडरमा घाटी व जवाहर घाटी से बचकर निकल गए तो कहिए भगवान को शुक्रिया
Jharkhand Road Accident झारखंड के कोडरमा जिले में एक वर्ष में 59 लोगों की सड़क दुघर्टनाओं में मौत हो चुकी है। यहां सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं कोडरमा घाटी ...और पढ़ें

कोडरमा, (अजीत कुमार)। कोडरमा जिले के जवाहर घाटी व कोडरमा घाटी से अगर आप वाहन लेकर गुजर रहे हैं तो सावधान रहिए। थोड़ी-सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है। सावधानी हटी दुर्घटना घटी। बेहद खतरनाक रास्ता है। यहां सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। लोग इस घाटी को मौत की घाटी के नाम से पुकारते हैं। यही वजह है कि यहां जगह-जगह साइनेज लगे हुए हैं- सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा, वाहन धीमा चलाएं, अपना कीमती जीवन बचाएं..। बावजूद कई वाहन चालक इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं, और अंतत: काल के गाल में समा जाते हैं।
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90 सड़क हादसो में 59 लोगों की हो गई मौत
बिहार और झारखंड को जोड़ने वाले एनएच-31 अंतर्गत कोडरमा घाटी का 15 किलोमीटर क्षेत्र वाहनों के परिचालन के लिहाज से काफी खतरनाक है। यहां 36 ब्लाइंड टर्न हैं। तेज रफ्तार और ओवरटेक के कारण यहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती हैं। कोडरमा जिले में इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर तक 90 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें 59 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में अधिकतर युवा हैं। वहीं, इन दुर्घटनाओं के पीछे डेंजरस ड्राइविंग भी मुख्य रूप से सामने आया है। विभागीय स्तर पर कोडरमा घाटी में अधिकतर गति सीमा 40 किलोमीटर निर्धारित है। बावजूद घाटी के जंगली क्षेत्र में तेज गति से वाहनों का परिचालन होता है। वहीं, स्टेट हाईवे में भी आबादी या तीखा घुमाव वाले क्षेत्रों में सूचनापट लगाए गए हैं, लेकिन इसका अनुपालन शायद ही चालक करते हैं।
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स्पीड पर नियंत्रण के लिए कोई व्यवस्था नहीं
कोडरमा परिवहन विभाग के पास स्पीड मापने की कोई व्यवस्था नहीं है। जिले को पूर्व में वाहनों के गति मापने के लिए इंटरसेप्टर वाहन दिया गया। इस वाहन में मशीन भी लगी है। लेकिन इसका इस्तेमाल अब तक नहीं हो पाया। वर्तमान में इस वाहन का इस्तेमाल प्रभारी यातायात पुलिस निरीक्षक कर रहें है। वहीं परिवहन विभाग स्तर से वाहनों की गति जांच के लिए डिटेक्टर डिवाइस की मांग की गई है। इसके आने से स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
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खतरनाक ड्राइविंग के लिए 400 लोगों से जुर्माना
परिवहन विभाग स्पीड का पता नहीं लगा पा रहा, लेकिन डेंजरस ड्राइविंग को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस वर्ष अब तक 1536 वाहन चालकों से 58.56 लाख रुपया जुर्माना वसूला गया है, इसमें डेंजरस ड्राइविंग के करीब 400 मामले है। ऐसे वाहन चालकों पर 500 से 10000 रूपया जुर्माना लगाया जा रहा है। वहीं डेंजर ड्राईविंग मामले में दूसरी बार पकड़े जाने पर जुर्माना राशि दोगुनी वसूली जा रही है।
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सुरक्षा नियमों का यहां नहीं हो रहा अनुपालन
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोडरमा घाटी सहित अन्य ब्लैक स्पाट में साईनेज, स्पीड लिमिट का बोर्ड, रंबल स्ट्रीप, मिरर, क्रश वैरियल, रोड चौड़ीकरण के कार्य किए गए है। बावजूद ऐसे चेतावनी व निर्देशों को दरकिनार करने से दुर्घटनाएं हो रही है।
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वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं का देखिए विवरण
- जनवरी में 5 हादसों में पांच लोगों की माैत हुई और 4 लोग घायल हुए।
- फरवरी में 7 हादसों में 4 लोगों की मौत हो गई और 19 लोग घायल हो गए।
- मार्च में 7 हादसों में 5 लोगों की जान चली गई और 2 लोग घायल हो गए।
- अप्रैल में 11 दुर्घटनाएं हुईं जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 10 लोग जख्मी हो गए।
- मई में कुल 18 सड़क हादसों में 8 लोगों की जान चली गई। वहीं, 19 लोग घायल हो गए।
- जून में 13 दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 11 लोगों की मौत हो गई। वहीं 8 लोग घायल हो गए थे।
- जुलाई में 12 सड़क हादसे हुए थे। इनमें 8 लोगों की जान चली गई थी। वहीं 8 लोग घायल हुए।
- अगस्त में 6 हादसाें में 3 लोगों की मौत हो गई थी और 4 लोगों बुरी तरह जख्मी हो गए थे।
- सितंबर में 6 सड़क हादसों में 4 लोग मर गए थे। वहीं एक आदमी घायल हो गया था।
- अक्टूबर में कुल 5 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 5 लोग मर गए थे। वहीं 1 व्यक्ति घायल हुआ था।
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हादसा रोकने के लिए किए जा रहे उपाय: डीटीओ
कोडरमा के डीटीओ भगीरथ प्रसाद कहते हैं कि सड़क हादसों की रोकथाम को लेकर लगातार सुरक्षा उपाय किये जा रहे है। जिले में अधिकतर दुर्घटनाएं रफ ड्राइविंग के कारण हो रही है। लिहाजा ब्लैक स्पाट में हर जरूरी व्यवस्था की गई है। स्पीड की जांच करने की व्यवस्था विभाग के पास फिलहाल नहीं है। फिर भी डेंजरस ड्राइविंग को लेकर दंडित किया जा रहा है।

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