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    Traffic Police Challan: ट्रैफिक पुलिस का कमाल, कार मालिक पर ठोका बिना हेलमेट वाहन चलाने का जुर्माना

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 12:54 PM (IST)

    कोडरमा में आनंद कुमार सिंह को बोकारो ट्रैफिक पुलिस ने ₹1000 का ई-चालान भेजा जिसमें उनकी कार पर बिना हेलमेट बाइक चलाने का आरोप था। चालान में वाहन प्रकार ‘कार’ लिखा होने के बावजूद बाइक की तस्वीर थी। आनंद कुमार ने बताया कि चालान कटने के समय वे हजारीबाग में थे और उनकी कार घर पर थी। उन्होंने आरटीओ में शिकायत दर्ज कराई पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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    ट्रैफिक पुलिस का कमाल, कार मालिक पर ठोका बिना हेलमेट वाहन चलाने का जुर्माना

    संवाद सहयोगी, कोडरमा। कोडरमा जिला के झुमरीतिलैया शहर में झारखंड ट्रैफिक पुलिस की ई-चालान जुर्माना व्यवस्था में लापरवाही का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बिशनपुर रोड निवासी आनंद कुमार सिंह को बोकारो ट्रैफिक पुलिस की ओर से ₹1000 का ई-चालान नोटिस मिला है।

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    नोटिस में उनकी कार संख्या JH 09B 5161 दर्ज कर बिना हेलमेट बाइक चलाने का आरोप लगाया गया है। हालांकि वाहन मालिक के पास कार है और चालान में भी वाहन प्रकार ‘कार’ ही लिखा गया है, लेकिन फोटो में बाइक की तस्वीर लगाई गई है।

    दरअसल, बाइक का वास्तविक नंबर JH 09B 1561 है, जिसे गलती से JH 09B 5161 दर्ज कर दिया गया और यह नंबर आनंद कुमार की कार का निकला। इस गलती ने निर्दोष कार मालिक को मुसीबत में डाल दिया। यह मामला न केवल ई-चालान प्रणाली बल्कि विभागीय सतर्कता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।

    आनंद कुमार सिंह ने बताया कि 20 सितंबर को जब यह चालान कटा, वे हजारीबाग में थे और उनकी कार बिशनपुर रोड स्थित उनके घर में खड़ी थी। चालान की सूचना मिलते ही उन्होंने आरटीओ में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन आठ दिन बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरटीओ की वेबसाइट पर आज भी चालान उनके नाम पर दर्ज है।

    आनंद कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि अब वे कार में भी हेलमेट रखेंगे और सीट बेल्ट के साथ हेलमेट लगाकर चलाएंगे। उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पुलिस की इस लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। उन्हें काम छोड़कर बार-बार आरटीओ के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

    इस बात की चर्चा आसपास के लोगों में काफी है। लोगों का कहना है कि यह मामला स्पष्ट करता है कि ई-चालान व्यवस्था में गड़बड़ी की स्थिति में आम नागरिक कितनी परेशानी में डाल सकती है। विभागीय गलती से जहां वास्तविक नियम तोड़ने वाला बच निकला, वहीं निर्दोष पर जुर्माना ठोक दिया गया।