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    यजीद के झूठ व मक्कारी के खिलाफ थी कर्बला की जंग

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 13 Sep 2019 06:18 PM (IST)

    जिला मुख्यालय स्थित मदीना मस्जिद जलवाबाद में बीती रात क्लन्द्रिया एसोसिएशन ट्रस्ट के बैनर तले •िाकर ए शहादत का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कार ...और पढ़ें

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    यजीद के झूठ व मक्कारी के खिलाफ थी कर्बला की जंग

    संवाद सहयोगी, कोडरमा: जिला मुख्यालय स्थित मदीना मस्जिद जलवाबाद में बीती रात क्लन्द्रिया एसोसिएशन ट्रस्ट के बैनर तले जिकर ए शहादत का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कारी इफ्तेखार हमदम ने कुरान ए पाक की तिलावत से की। कार्यक्रम की अध्यक्षता एशोसिएशन के अध्यक्ष हाजी आफताब व संचालन मौलाना अब्दुल रहमान ने किया। मौलाना शहादत हुसैन ने कहा कि कत्ल-ए-हुसैन असल में मार्ग-ए-यजीद है इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद, मुहर्रम के मौके पर यादे हुसैन-जिकर ए शहादत मना कर अहले बैत से मोहब्बत का सबूत देना ये सराहनीय है। उन्होंने इमामे हुसैन की जिदगी के बारे में लोगों को विस्तार से बताते हुए कहा कि कहा कि इमामे हुसैन ने इस्लाम को बचाने के लिए करबला के मैदान में 10वीं मुहर्रम 61 हिजरी को शहीद हो गए और इस्लाम को यजीदियों के हाथों से बचा लिया। इमाम हुसैन ने अपने नाना हजरत मोहम्मद (स) की उम्मत को बचाने के लिए यजीद से बैअत करना गवारा नहीं किया और जंग के लिए राजी हो गए। एक तरफ उनके कुनबे के कुल 72 लोग थे और दूसरी तरफ हजारों की तादाद में यजीदी फौज थी। यह जंग सच्चाई, हकपरस्ती और अल्लाह की रजा के लिये लड़ी गई थी। यह जंग यजीद के आतंक, झूठ और मक्कारी के खिलाफ थी। इमाम हुसैन (अ) ने दीने हक को बचाने के लिए अपने कुनबे को कुर्बान कर दिया। मुसलमानों को चाहिए कि वह सिर्फ नारा नहीं लगाएं बल्कि इमाम हुसैन के रास्ते को अपनाएं। अपने बच्चे को भी इसकी शिक्षा दें, ताकि वे इस्लाम की सही शिक्षा लेकर आगे चलकर अपने देश व अपने गांव इलाकों का नाम रौशन करे और पूरी दुनियां में अमन चैन भाईचारा का पैगाम दे। प्रोग्राम को संबोधित करते हुये कारी खैरुलवरा ने कहा कि अल्लाह के रसूल (स) ने कहा सच्चा मोमिन वो नहीं जो दौलत, रुतबा व शोहरत वाला हो, बल्कि सच्चा मोमिन वो है जो अल्लाह से ज्यादा डरता हो और अहलेबैत से मोहब्बत करता हो। उन्होंने कहा कि इस्लाम ने ये शिक्षा दी है कि कैदियों के साथ अच्छा सुलूक करो, मुसाफिर की मदद करो, यतीमों व जरूरतमंद की मदद करो, भूखे को खाना खिलाओ और हक के साथ खड़े रहो। वहीं मौलाना अब्दुल रहमान ने कहा मुसलमान को चाहिऐ कि वो इमामे हुसैन की सीरत को पढ़े, उस पर अमल करे। यजीद जैसा कोई काम न करें, डंका डीजे से दूर रहें।  इस दौरान कारी इफ्तेखार व कारी खैरुलवरा ने नाते रसूल व नाते हुसैन पढ़े। प्रोग्राम के आखिर में सलातो सलाम व देश की उन्नति, अमन शांति व भाईचारे की दुआ की गई और हजरत सैयद ़कलन्दर शाह की मोहब्बत में लंगर खिलाया गया। प्रोग्राम को कामयाब बनाने में एसोसिएशन के अध्यक्ष हाजी आ़फताब, उपाध्यक्ष मो ग्यास, सचिव मो सकीब, कोषाध्यक्ष शाहबा•ा प्रिस, मो सलीम, रियाजुद्दीन, आईया•ा छोटू, मो ़फैया•ा, प्रवे•ा, तहसीन, मु•ाम्मिल, मेराज सहित एसोसिएशन के अन्य सदस्यों ने अहम भूमिका निभाई। मौके पर हाजी एकराम, मो हिदायत अली, अब्दुल्लाह खान, मो बलिस्टर, मो बबलू, नौशाद, जुनैद, इ•ाहार खान, कौशर चूरन खान, बॉक्सर खान, अरमान खान, मिस्बाह खान, दानिश कादरी, मो अ•ाहर, मो शाहबा•ा, मो मुस्तफा, रि•ावान सहित काफी संख्या में लोग •िाकर ए शहादत में शामिल हुये।

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