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    भगवान महावीर का संदेश विश्व शांति का कारण बनेगा: माता जी

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 16 Nov 2021 05:24 PM (IST)

    भगवान महावीर का संदेश विश्व शांति का कारण बनेगा माता जी संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया (कोडरमा) दिगंबर जैन मंदिर स्थित पंडाल में मंगलवार को दिगंबर

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    भगवान महावीर का संदेश विश्व शांति का कारण बनेगा: माता जी

    संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): दिगंबर जैन मंदिर स्थित पंडाल में मंगलवार को दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में जैन आर्यिकाओं का चल रहा चातुर्मास को लेकर पिच्छी परिवर्तन एवं पंच परमिष्टी विधान का आयोजन किया गया। इस मौके पर दिगंबर जैन समाज द्वारा तार में लगे झूले के जरिए नई पिच्छी वात्सल्य विदुषी आर्यिका श्री 105 सौभाग्यमती माता ससंघ को मोर पिच्छी अर्पित की गई। यह सुंदरता, सरलता और सरसता का संदेश देती है। इस मौके पर पुरानी पिच्छी प्राप्त करने का सौभाग्य जयकुमार गंगवाल, प्रदीप छाबड़ा और निर्मल छाबड़ा को मिला। मौके पर बालिकाओं और महिलाओं द्वारा नृत्य संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मौके पर आर्यिका श्रीमती सौभाग्यमती माता जी ने कहा कि वर्तमान का समय आतंक एवं हिसा का है। भगवान महावीर का संदेश जियो और जीने दो पूरे विश्व में शांति का कारण बनेगा। उन्होंने कहा कि अपने घरों में समृद्वि निरंतर बनी रहे इसके लिए महापुरुषों के बताएं मार्गों का अनुसरण करना चाहिए। मानव जीवन का कल्याण मानवता को शांति का संदेश देता है। वर्तमान में युवा वर्ग को मित्रता प्रदान करनेका साम‌र्थ्य रखते हैं। कोडरमा के युवा समाज देश और समाज को समृद्वि की ओर ले जा रहे हैं। मौके पर जिप प्रधान शालिनी गुप्ता ने भी सौभाग्यमती माता जी और ससंघ से आशीर्वाद लिया। जैन समाज के द्वारा जिप प्रधान को चातुर्मास समिति के संयोजक नरेंद्र झांझरी, राजेश छाबड़ा, शैलेश छाबड़ा, विकास सेठी, ममता सेठी ने प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। इस मौके पर जिप प्रधान ने कहा कि जैन साधु प्रकृत के सुदर उपहार हैं। उनके द्वारा किए गए मार्गर्शन जीवन को तरोताजा करता है। जैन साधु-संतों का त्याग और संयम प्रेरित करता है। जैन दर्शन हमें कई शिक्षा भी देता है। इस मौके पर सुरेश झांझरी, नरेंद्र झांझरी, ललीत सेठी ने कहा कि मंदिर का जीणोद्वार किया जाएगा। इसके लिए माता जी को श्रीफल भेंटकर अपने कुशल नेतृत्व में बनवाने की अनुमति मांगी। भरतपुर से आए संतोष कुमार एवं टीम के द्वारा प्रस्तुत गीत पिच्छी ओ पच्छी इतना बता दे कौन सा काम किया है, खंश होकर गुरुवर ने अपना लिया है.. तथा देदो आशीर्वाद गुरुवर तेरा क्या घट जाएगा, ये बालक भी तर जाएंगे जैसे भजन प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में दीप सजाओ और पूजन सामग्री सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन छतरपुर से आए बालब्रह्मचारी पंकज शास्त्री और राज छाबड़ा ने संयुक्त रुप से किया। कार्यक्रम के पूर्व पानी टंकी रोड स्थित नया जैन मंदिर से चौबीस भगवान के साथ भ्रमण किया गया। मंदिर पहुंचकर कलशाभिषेक आयोजन हुआ। मौके पर प्रदीप पांड्या, कमल सेठी, सरोज पापड़ीवाल, प्रदीप सोगानी, राजकुमार अजमेरा, सुनील छाबड़ा, विजय सेठी, पार्षद पिकी जैन, रोटरी के सचिव नवीन जैन सहित कई लोग मौजूद थे।

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