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    वंदेभारत, राजधानी समेत दर्जनों ट्रेनें रद, कुछ का बदला गया मार्ग; रेलवे को करोड़ों का नुकसान

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 03:24 AM (IST)

    कुड़मी समाज को एसटी का दर्जा देने की मांग को लेकर झारखंड बिहार बंगाल में रेल चक्का जाम किया गया। कोडरमा में ट्रेनों का संचालन बाधित हुआ जिससे यात्री परेशान रहे। राजधानी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें रद हुईं और कई के मार्ग बदले गए। यात्रियों को भोजन-पानी की समस्या हुई और रेलवे को करोड़ों का नुकसान हुआ।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो जागरण)

    संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर शनिवार को झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के दर्जनों स्थानों पर रेल चक्का जाम किया गया।

    कोडरमा-गया और कोडरमा-गिरिडीह रेलखंड पर पिछले एक दशक में पहली बार इतना बड़ा आंदोलन देखने को मिला, जिससे रेलवे के सबसे व्यस्त हावड़ा-नई दिल्ली ग्रैंड कोर्ड सेक्शन पर ट्रेनों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

    सुबह पांच बजे से शुरू हुआ यह आंदोलन पूरे दिन जारी रहा। जिससे राजधानी एक्सप्रेस, वंदे भारत, दुरंतो समेत दर्जनों ट्रेनों के पहिए थम गए। कोडरमा स्टेशन पर ग्वालियर-पुरी एक्सप्रेस सुबह छह बजे से खड़ी रही, जिसे दोपहर दो बजे के बाद मधुपुर व आसनसोल के रास्ते हावड़ा की ओर रवाना किया गया।

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    वहीं, नई दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी को भी गया के बजाय मधुपुर मार्ग से भेजा गया। कई प्रमुख ट्रेनों को रद कर दिया गया, जिससे हजारों यात्री फंसे रहे। यात्रियों के अनुसार स्टेशन पर पूछताछ केंद्र से उन्हें सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही थी। कोई हावड़ा जाना चाह रहा था तो कोई दिल्ली, लेकिन अनिश्चितता के माहौल ने लोगों को असहज कर दिया।

    कई यात्रियों के पास भोजन और पानी तक के संसाधन नहीं थे। यात्रियों के अलावा स्कूली छात्र, नौकरीपेशा लोग और मरीज भी आंदोलन की वजह से प्रभावित हुए।

    कई ट्रेनें रद, कई के मार्ग परिवर्तित

    रेल प्रशासन ने एहतियात के तौर पर कोडरमा होकर गुजरने वाली 8 ट्रेनों को रद कर दिया। इनमें 20888 वंदे भारत, 13545 आसनसोल-गया मेमू, 12366 पटना जनशताब्दी, 13514 हटिया-आसनसोल एक्सप्रेस, 22350 पटना वंदे भारत, 13306 धनबाद इंटरसिटी, 20839 रांची राजधानी और 53374 बड़काकाना-कोडरमा पैसेंजर शामिल हैं।

    वहीं, गया के रास्ते 13151 जम्मूतवी, 20817 भुवनेश्वर राजधानी और 22357 गया-लोकमान्य तिलक जैसी ट्रेनों को डायवर्ट किया गया।

    माल ढुलाई पर भी असर

    आंदोलन की वजह से मालगाड़ियों की आवाजाही पर भी असर पड़ा है। कोयला, लौह अयस्क और अन्य औद्योगिक सामग्रियों की ढुलाई रुकने से रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। इस बीच, कोडरमा रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन सतर्क रहा।

    एसडीपीओ अनिल सिंह, डीएसपी दिवाकर कुमार, तिलैया थाना प्रभारी विनय कुमार, आरपीएफ निरीक्षक दीपक कुमार और जीआरपी के अधिकारियों के नेतृत्व में 50 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए। दंडाधिकारी के रूप में कोडरमा सीओ को नियुक्त किया गया था।

    धनबाद रेल मंडल के वरीय कमांडेंट अनुराग मीणा ने कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग सहित पूरे मंडल में संबंधित जिलों के एसपी व जीआरपी के साथ समन्वय कर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए।

    हावड़ा-दिल्ली रेल मार्ग पर व्यापक असर

    हावड़ा-नई दिल्ली ग्रैंड कोर्ड सेक्शन भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है। इस मार्ग पर प्रतिदिन हजारों यात्री और सैकड़ों मालगाड़ियां गुजरती हैं।

    आंदोलन के कारण इस सेक्शन पर ट्रेनों के संचालन पर गहरा असर पड़ा है। कई जरूरी सेवाएं जैसे चिकित्सा आपूर्ति, स्कूली छात्र-छात्राओं का आवागमन, दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों का सफर आदि ठप हो गया।

    इन ट्रेनों को रद करने का निर्णय लिया

    • 20888 वंदे भारत।
    • 13545 आसनसोल-गया मेमू।
    • 12366 पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस।
    • 13514 हटिया-आसनसोल एक्सप्रेस।
    • 22350 पटना वंदे भारत।
    • 13306 धनबाद इंटरसिटी।
    • 20839 रांची राजधानी।
    • 53374 बड़कटाकाना-कोडरमा पैसेंजर।

    इन ट्रेनों का किया गया मार्ग परिवर्तित

    • 13151 जम्मूतवी-कोलकाता एक्स. (गया होकर डायवर्ट)
    • 20817 भुवनेश्वर राजधानी एक्स.(गया होकर डायवर्ट)
    • 22357 गया-लोकमान्य तिलक (गया होकर डायवर्ट)