दिवाली-छठ पर घर जाने वालों की बढ़ेगी परेशानी, दीपावली पर ट्रेनें फुल; आसमान छू रहा हवाई किराया
दीपावली पर घर जाने वाले यात्रियों के लिए इस बार का सफर मुश्किल भरा हो सकता है। ट्रेनों में आरक्षण की समस्या के कारण लोग हवाई यात्रा का रुख कर रहे हैं जिससे विमान कंपनियों ने किराए में कई गुना वृद्धि कर दी है। कोडरमा हजारीबाग गिरिडीह जैसे जिलों के यात्रियों के लिए हवाई यात्रा ही एकमात्र विकल्प बचा है लेकिन बढ़े हुए किराए ने परेशानी बढ़ा दी है।

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा)। दीपावली पर घर लौटने की योजना बना रहे यात्रियों के लिए इस बार सफर आसान नहीं दिख रहा है। ट्रेन आरक्षण की स्थिति लगातार रिग्रेट होती जा रही है।
यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोग अब हवाई यात्रा का रुख कर रहे हैं। विमान कंपनियों ने मांग बढ़ते ही किराया कई गुना बढ़ा दिया है।
स्थिति यह है कि दीपावली से डेढ़ माह पहले ही टिकट का दाम सामान्य से दो से चार गुना तक पहुंच गया है। जानकारों का मानना है कि इस बार किराया पिछले सालों की अपेक्षा और भी अधिक बढ़ सकता है।
झारखंड के रांची, देवघर और बिहार के गया, पटना एयरपोर्ट से कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह समेत आसपास जिलों के यात्री बड़ी संख्या में आवागमन करते हैं। इनमें छात्र, नौकरीपेशा और व्यवसायी लोग शामिल हैं।
पर्व-त्योहार में घर आने का विकल्प उनके लिए केवल हवाई जहाज ही बचा है, लेकिन बढ़े हुए किराए ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पूर्व में रेलवे 120 दिन पहले आरक्षण की सुविधा देता था, जिससे यात्रियों को पर्याप्त समय व वेटिंग लिस्ट में जगह मिल जाती थी।
लेकिन अब रेलवे ने अग्रिम बुकिंग की सीमा घटाकर 60 दिन कर दी है। साथ ही एसी और नान-एसी श्रेणियों में वेटिंग कोटा भी घटा दिया गया है। नतीजतन सीटें उपलब्ध होने से पहले ही 60 प्रतिशत तक वेटिंग के बाद रिजर्वेशन ‘रिग्रेट’ हो जाता है।
हवाई किराया भी महंगा
कोडरमा, गिरिडीह और धनबाद आने वाली 18 अक्टूबर की अधिकतर ट्रेनों की स्थिति पहले ही रिग्रेट हो चुकी है। ऐसे में दीपावली, दुर्गा पूजा और छठ जैसे बड़े त्योहारों पर घर आने वाले यात्रियों को महंगे विमान टिकट खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
पहले जहां हवाई किराया पर्व से एक सप्ताह पहले बढ़ता था। वहीं, इस बार डेढ़ माह पहले ही दाम आसमान छूने लगे हैं। यात्रियों के लिए हर बुकिंग अब जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है।
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