‘1.5 लाख रुपये जमा कराए और ट्रैक्टर आपके घर…’, साइबर ठगों के निशाने पर किसान
कोडरमा में साइबर अपराधी किसानों को सरकारी योजनाओं के नाम पर धोखा दे रहे हैं। वे मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना जैसी योजनाओं का हवाला देकर किसानों से पैसे ऐंठ रहे हैं। ठग कृषि विभाग का कर्मचारी बनकर किसानों को ट्रैक्टर देने का वादा करते हैं और उनसे पैसे जमा करने को कहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को सतर्क रहना चाहिए।
रविंद्र नाथ, कोडरमा। डिजिटल युग में सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को कम समय में मिल रहा है। वहीं साइबर अपराधी इन योजनाओं का नाम पर भोले-भाले किसानों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। साइबर ठग मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना या अन्य सरकारी सब्सिडी वाली योजनाओं का हवाला देकर किसानों को लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं।
साइबर ठग ने रविवार को खुद को कृषि विभाग रांची का कर्मचारी बताकर जागरण संवाददाता को फोन कर मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना के तहत ट्रैक्टर उपलब्ध कराने की जानकारी दी। उसने विश्वास दिलाने के लिए संवाददाता का नाम व पता बताया। साथ ही प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समिति चंदवारा का सदस्य होने की भी जानकारी दी।
इसके बाद आरोपित ने कहा, मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना के तहत 16.5 लाख रुपये का ट्रैक्टर केवल 1.5 लाख रुपये जमा करने पर उपलब्ध कराया जाएगा। कोडरमा जिले के सभी प्रखंड से एक-एक व्यक्ति का चयन किया गया है। अगर आप योजना का लाभ लेने से इनकार करते हैं तो अन्य किसान को इसका लाभ दे दिया जाएगा।
डेढ़ लाख रुपये जमा करने के साथ शेष राशि सरकार की ओर से सब्सिडी के रूप में दी जाएगी और किसान को अगले ही दिन ट्रैक्टर उसके घर पर मिल जाएगा। इसके लिए इसी वाट्सएप नंबर पर आधार कार्ड, वोटर कार्ड जमा करना होगा। साथ ही बैंक खाते या यूपीआइ आइडी पर रकम जमा करनी होगी।
उसने दावा किया कि जयनगर के किसान उपेंद्र यादव के द्वारा डेढ़ लाख रुपये जमा करने पर कल उसके घर पर ट्रैक्टर उपलब्ध कराया गया है। उसका मोबाइल फोन नंबर आप चाहें तो उपलब्ध करा देंगे। आप उसने पूछकर इसे तस्दीक कर सकते हैं। जब उसे साइबर ठगी की बात कहने और साइबर सेल में शिकायत करने की बात कही तो उसने फोन काट दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि साइबर अपराधी किसानों की आर्थिक स्थिति वर सरकारी योजनाओं की जानकारी न होने का फायदा उठाते हैं। वे रकम के साथ जरूरी दस्तावेज भी लेते हैं, जिसके आधार पर आगे भी धोखाधड़ी की जा सकती है।
साइबर ठगी से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान:
-किसी भी योजना की पुष्टि केवल सरकारी विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से करें।
- किसी अनजान व्यक्ति या संगठन के कहने पर बैंक खाते में रकम न डालें।
-सरकार की किसी भी योजना में पैसा सीधे व्यक्तिगत खाते में जमा नहीं किया जाता।
-आधार कार्ड, वोटर कार्ड जैसे संवेदनशील दस्तावेज केवल अधिकृत पोर्टल पर ही उपलब्ध कराएं।
- मोबाइल फोन के वाट्सएप, मैसेज या ईमेल पर आए अनजान या संदिग्ध लिंक कभी न खोलें।
- किसी को भी आधार, वोटर कार्ड, बैंक डिटेल, पासवर्ड या ओटीपी न बताएं।
– अगर कोई खुद को अधिकारी बताकर पैसा मांगता है तो तुरंत मना करें।
– बैंकिंग और अन्य डिजिटल सेवाओं के लिए हमेशा मजबूत और अलग पासवर्ड का उपयोग करें।
– मोबाइल फोन और कंप्यूटर में एंटीवायरस या सुरक्षा एप जरूर डालें।
ठगी होने पर यहां करें शिकायत
- ठगी का शिकार होने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
- डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट साइबर क्राइम डाट गोव डाट इन पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
- जितनी जल्दी शिकायत करेंगे, पैसे वापस मिलने की संभावना उतनी बढ़ेगी।
- लेन-देन से जुड़े स्क्रीनशॉट और बैंक विवरण सबूत के रूप में संभालकर रखें।
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