डीएमएफटी में भ्रष्टाचार का खेल, विधायक नीरा यादव ने कहा- जांच हुई तो कोडरमा राज्य में अव्वल आएगा
कोडरमा विधायक एवं राज्य की पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. नीरा यादव ने डीएमएफटी फंड (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) के दुरुपयोग और प्राक्कलन घोटाले को ले राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। कहा कि जिस फंड का उपयोग जनहित और आवश्यक संसाधनों के विकास में होना चाहिए था उसका इस्तेमाल बेवजह और भ्रष्टाचार से लिप्त योजनाओं में किया जा रहा है।

संवाद सहयोगी, कोडरमा। कोडरमा विधायक एवं राज्य की पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. नीरा यादव ने डीएमएफटी फंड (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) के दुरुपयोग और प्राक्कलन घोटाले को ले राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जिस फंड का उपयोग जनहित और आवश्यक संसाधनों के विकास में होना चाहिए था, उसका इस्तेमाल बेवजह और भ्रष्टाचार से लिप्त योजनाओं में किया जा रहा है।
उन्होंने बोकारो में डीएमएफटी फंड को लेकर हुए खुलासे का हवाला देते हुए कहा कि यदि कोडरमा की सही जांच हो, तो यह जिला डीएमएफटी फंड के दुरुपयोग में राज्य में अव्वल साबित होगा।
अधिकारियों पर लगाया मनमानी का आरोप
डॉ. नीरा यादव ने आरोप लगाया कि सरकारी संरक्षण में अधिकारी बेलगाम हो गए हैं और अपनी मर्जी से योजनाओं का चयन एवं क्रियान्वयन कर रहे हैं।
प्राक्कलन घोटाले को बढ़ावा देते हुए ऐसे स्थानों पर योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिनकी कोई उपयोगिता नहीं है। उदाहरण देते हुए कहा कि 4000 से 5000 रुपये की कंक्रीट बेंच की खरीद 14000 रुपये में दिखाई गई है।
शहरी सौंदर्यीकरण के नाम पर बिना सड़क चौड़ी किए प्लास्टिक बैरिकेटिंग कर दी गई है, जिससे आम नागरिकों को असुविधा हो रही है। अधिकारी इन कार्यों के माध्यम से करोड़ों रुपये की बंदरबांट कर चुके हैं।
जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज कर रही सरकार
विधायक ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सांसद और विधायक नगर निकायों के स्वाभाविक सदस्य होते हैं, लेकिन न तो योजनाओं के चयन से पहले उनसे राय ली जाती है, और न ही सामग्री खरीद में कोई पारदर्शिता बरती जाती है।
उन्होंने कहा कि ओपन जिम की सामग्री और पार्क के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन उनकी देखरेख की कोई व्यवस्था नहीं है।
मुख्य सचिव से की शिकायत, सदन में उठेगा मुद्दा
डॉ. नीरा यादव ने बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत राज्य के मुख्य सचिव से की है और यह मुद्दा आने वाले विधानसभा सत्र में जोरशोर से उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है और अधिकारी मलाई काट रहे हैं, जबकि जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार इन घोटालों पर आखिर चुप क्यों है?
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