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    जैन धर्मांलबियों के लिए बड़ा तोहफा, पावापुरी से पारसनाथ के लिए रेलवे ट्रैक का रास्ता साफ

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 12:04 AM (IST)

    झारखण्ड और बिहार वासियों के लिए नवरात्रा में अच्छी खबर है। पारसनाथ से पावापुरी के लिए जैन धर्मावलिंयों के तीर्थ स्थल का सीधा जुड़ाव होगा। वर्तमान में तिलैया नवादा रेललाईन के जरिये 70 किमी गया से नवादा ट्रेनों का परिचालन हो रहा है । रेलवे ने ग्रेड कोड सेक्सन को भगवान महावीर की निर्माण स्थली पावापुरी से पारसनाथ तीर्थ स्थली को कोडरमा जक्शन के रास्ते जोडने का निर्णय लिया गया।

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    जैन धर्मांलबियों के तीर्थ स्थल पावापुरी से पारसनाथ के लिए कोडरमा के रास्ते रेलवे ट्रैक का रास्ता साफ।

    अरविन्द चौधरी/झुमरी तिलैया । झारखण्ड और बिहार वासियों के लिए नवरात्रा में अच्छी खबर है। पारसनाथ से पावापुरी के लिए जैन धर्मावलिंयों के तीर्थ स्थल का सीधा जुड़ाव होगा।

    वर्तमान में तिलैया नवादा रेललाईन के जरिये 70 किमी गया से नवादा ट्रेनों का परिचालन हो रहा है और गया के बाद ट्रेन कोडरमा तक प्रतिदिन चल रही है।

    रेलवे ने ग्रेड कोड सेक्सन को भगवान महावीर की निर्माण स्थली पावापुरी से पारसनाथ तीर्थ स्थली को कोडरमा जक्शन के रास्ते जोडने का निर्णय लिया गया।

    इससे आने वाले दिनों में जैन धर्मवंलियों के अलवा पर्यटन क्षेत्र घुमने आने वाले यात्रियों को भी सीधा लाभ मिलेगा।

    इधर 29 सितम्बर को नवादा और नालन्दा जिले के विकास को एक नई गति प्रदान करने के उद्देश्य से राशि 492.14 करोड़ की लागत से 25.10 किलोमीटर लंबे नवादा-पावापुरी नई रेल लाईन के निर्माण की स्वीकृति रेल मंत्रालय द्वारा प्रदान की गयी है ।

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    प्रस्तावित नवादा-पावापुरी नई लाइन, प्रमुख जैन तीर्थस्थल पावापुरी, के लिए सीधी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे सड़क परिवहन पर निर्भरता कम होगी और पारसनाथ और पावापुरी स्थित जैन धर्म का प्रसिद्ध जल मंदिर के बीच आवागमन आसान होगा ।

    पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के सीपीआरओ सरस्वती चंद ने बताया कि सीधी पहुँच से जैन सर्किट में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, राजगीर एवं बिहार शरीफ से कनेक्टिविटी में सुधार होगा और नवादा-नालंदा-राजगीर क्षेत्र में यात्रा समय में कमी आएगी।

    पर्यटन के अलावा, यह मार्ग नवादा एवं नालंदा जिले को एकीकृत करते हुए, प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र और पारंपरिक रेशम केंद्र कादिरगंज को जोड़कर भागलपुर के साथ व्यापारिक संबंधों को सुगम बनाकर सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।

    इससे नालंदा विश्वविद्यालय और बोधगया (राजगीर-गया संपर्क मार्ग के माध्यम से) तक पहुँच आसान होगा तथा निर्माण के दौरान इस क्षेत्र में रोज़गार का सृजन होगा तथा क्षेत्रीय विकास में मददगार साबित होगा ।

    झारखण्ड को दुर्गा पूजा की मिली बडी सौगात 

    झारखंड और बिहार को जोडने वाली तिलैया राजगीर कोडरमा रेलखंड को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुर्गा पूजा के मौके पर झारखण्ड व बिहार वासियों को एक बडी सौगात तिलैया राजगीर बख्तिारपुर रेल दोहरीकरण के लिए प्रस्ताव को मंजुरी दी है।

    कैबिनेट ने बिहार में बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया एकल रेलवे लाइन खंड (104 किलोमीटर) के दोहरीकरण को स्वीकृति दी, जिसकी कुल लागत 2,192 करोड़ रुपये हैं।

    यह परियोजना बिहार राज्य के चार जिलों को कवर करेगी और भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 104 किलोमीटर की वृद्धि रहेगी।

    यह रेल मार्ग राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा, पावापुरी जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ता है, जो देश भर से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।

    इस मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लगभग 1,434 गांवों और लगभग 13.46 लाख आबादी, जिसमें दो आकांक्षी जिलें (गया और नवादा) शामिल हैं, की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

    ये मार्ग कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, फ्लाई ऐश आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक है। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 26 मिलियन टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।

    रेलवे पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन साधन होने के नाते देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और रसद लागत को कम करने में मदद करेगा, साथ ही तेल आयात (5 करोड़ लीटर) को घटाएगा और सीओ उत्सर्जन (24 करोड़ किलोग्राम) को कम करेगा, जो एक करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

    बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में सुधार होगा तथा भारतीय रेल की कार्यकुशलता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी। मल्टी-ट्रैकिंग का यह प्रस्ताव परिचालन को सुगम बनाएगा और भीड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे की सबसे व्यस्त खंडों पर आवश्यक बुनियादी ढांचागत विकास होगा।

    ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘नए भारत’ के विज़न के अनुरूप हैं, जो इस क्षेत्र के लोगों को व्यापक विकास के माध्यम से ष्आत्मनिर्भरष् बनाएंगी, जिससे उनके रोज़गार/स्वरोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।

    ये परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाने पर केन्द्रीत है। ये परियोजनाएं लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।