Anant Chaturdashi 2025: कल मनाया जाएगा अनंत चतुर्दशी, भगवान विष्णु के अनंत रुप की होगी पूजा
अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु की पूजा का दिन है जिस दिन अनंत धागा बांधा जाता है। यह गणेश उत्सव का समापन भी है जिस दिन गणपति बप्पा को विदाई दी जाती है। जैन धर्म में यह पर्यूषण पर्व का अंतिम दिन है जब निर्जला व्रत रखा जाता है। पंडित कुंतलेश पाण्डेय के अनुसार पूजा और विसर्जन 6 सितंबर 2025 को होगा।

संवाद सूत्र, झुमरीतिलैया (कोडरमा)। भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा कर अनंत धागा बांधने की परंपरा है।
मान्यता है कि व्रत और पूजा से दुख-दर्द दूर होकर जीवन में सुख-समृद्धि आती है। अनंत चतुर्दशी का एक विशेष महत्व यह भी है कि इसी दिन गणेश उत्सव का समापन होता है।
गणपति बप्पा का विसर्जन कर उन्हें विदाई दी जाती है और अगले वर्ष शीघ्र आगमन की प्रार्थना की जाती है। जैन धर्म में भी इस दिन का खास महत्व है, क्योंकि 10 दिन के पर्यूषण पर्व का समापन इसी दिन होता है और जैन समुदाय इस दिन निर्जला व्रत रखता है।
पंडित कुंतलेश पाण्डेय।
झुमरीतीला शहर के पंडित कुंतलेश पाण्डेय के अनुसार, इस वर्ष अनंत चतुर्दशी की तिथि 6 सितंबर को सुबह 3:12 बजे से शुरू होकर 7 सितंबर की रात 1:41 बजे समाप्त होगी।
पूजा और गणेश विसर्जन 6 सितंबर 2025, शनिवार को ही किया जाएगा। इस दिन गणेश विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त भी उपलब्ध हैं, जिनमें भक्तजन बड़े उत्साह से बप्पा को विदाई देंगे।
हिंदू एवं जैन संप्रदाय के लिए इस दिन का आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्व है।
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