Indian Railway: गुरपा-गझंडी घाटी में भूस्खलन को लेकर रेलवे में अलर्ट, रखी जाएगी निगरानी
गया-कोडरमा रेल सेक्शन के गुरपा-गझंडी रेल घाटी खंड में भूस्खलन की घटना को लेकर रेलवे ने अलर्ट जारी किया है। भूस्खलन रोकने को लेकर रेल घाटी सेक्शन में ट्रैक से सटे पहाड़ों का विशेष टीम के माध्यम से सुरक्षात्मक जायजा लिया जाएगा। पहाड़ से मलवा खिसक कर रेल ट्रैक पर गिरने के खतरे से निजात पाने के लिए रेलवे बोर्ड केआधिकारी जायजा लेने गुरपा-गझंडी पहुंचेंगे।

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा) । गया-कोडरमा रेल सेक्शन के गुरपा-गझंडी रेल घाटी खंड में भूस्खलन की घटना को लेकर रेलवे ने अलर्ट जारी किया है। भूस्खलन रोकने को लेकर रेल घाटी सेक्शन में ट्रैक से सटे पहाड़ों का विशेष टीम के माध्यम से सुरक्षात्मक जायजा लिया जाएगा।
तेज वर्षा के बीच पहाड़ से मलवा खिसक कर रेल ट्रैक पर गिरने के खतरे से निजात पाने के लिए रेलवे बोर्ड के विभागीय आधिकारिक टीम भी रेल घाटी खंड का जायजा लेने गुरपा-गझंडी पहुंचेंगे।
बसकटवा-यदुग्राम रेलवे स्टेशनों के बीच घाटी खंड में देर रात लगातार वर्षा के बीच भूस्खलन की घटना को ले बढ़ी चौकसी से ट्रेन हादसा होने से बाल-बाल बची थी।
पहाड़ से खिसक कर काफी मलबा रेल पटरी पर आ गिरा था। इस कारण ट्रेनों का परिचालन भी रोक दिया गया था। रेल सूत्रों ने बताया कि दिल्ली-हावड़ा ग्रैंडकार्ड रेल लाइन के गया-कोडरमा रेल सेक्शन का गुरपा-गझंडी रेल घाटी खंड काफी संवेदनशील है।
इस घाटी सेक्शन में कई स्थान ऐसे हैं जहां संकीर्ण पहाड़ की दीवार से होकर रेल लाइन काफी ऊंचाई से होकर गुजरी है। जंगल व पहाड़ों से आच्छादित करीब 15 किलो मीटर लंबी रेल लाइन का रास्ता काफी जटिल है। इस क्षेत्र में पहाड़ का मलबा बरसात में टूटकर रेल पटरी पर आ गिरता है।
इससे दुर्घटना की आशंका बड़ी रहती है। पूर्व के वर्षो में भी कई घटनाएं हुई है। इससे निजात के लिए रेलवे ने प्रयास किया था। लेकिन, अभी भी पहाड़ की दीवार को मजबूती करने की आवश्यकता है।
इसपर रेलवे बोर्ड गम्भीर है तथा रेल घाटी खंड पर सही तरीके से परिचालन सुनिश्चित बनाने के लिए विशेष व्यवस्था किए जाने की पहल शुरू की जा रही है।

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