शादी का झांसा देकर सहकर्मी का यौन शोषण, SP ऑफिस का अकाउंटेंट दोषी करार; भेजा गया जेल
कोडरमा में यौन शोषण के मामले में अकाउंटेंट अभिमन्यु कुमार को अदालत ने दोषी पाया है जिस पर एक महिला सहकर्मी ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। वहीं पत्नी की हत्या के मामले में रविकांत सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है उस पर पत्नी ममता देवी की हत्या का आरोप था अदालत ने उस पर ₹25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

संवाद सहयोगी, कोडरमा। कोडरमा जिले के एसपी कार्यालय में कार्यरत अकाउंटेंट अभिमन्यु कुमार को यौन शोषण के एक गंभीर मामले में अदालत ने दोषी करार दिया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय संजय चौधरी की अदालत ने गुरुवार को सत्रवाद संख्या 02/24 की सुनवाई के पश्चात आरोपी को दोषी पाकर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अभिमन्यु कुमार पर उसी के विभाग में कार्यरत महिला सहकर्मी ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। बताया जा रहा है कि दोनों पुलिस केंद्र कोडरमा में रहते थे, जहां उनके बीच नजदीकियां बढ़ीं।
महिला का आरोप था कि आरोपी ने शादी का वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, और बाद में मुकर गया। मामले का पर्यवेक्षण तत्कालीन एसडीपीओ स्तर पर किया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से प्रभारी लोक अभियोजक प्रवीण कुमार सिंह ने प्रभावी ढंग से पैरवी की, जिसके फलस्वरूप आरोपी को दोषी ठहराया गया।
वर्तमान में अभिमन्यु कुमार कोडरमा एसपी कार्यालय में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत है। न्यायालय अब 16 सितंबर को सजा के निर्धारण पर सुनवाई करेगा। बहरहाल, यह मामला सरकारी दफ्तरों में कार्यरत कर्मचारियों के आचरण पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
पत्नी हत्या के आरोपी को उम्रकैद, 25 हजार का जुर्माना भी
दूसरी ओर, पत्नी की हत्या के मामले में कोडरमा जिले की एक अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय राकेश चंद्रा की अदालत ने आरोपी पति रविकांत सिंह उर्फ सोनू सिंह को दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत ने उस पर ₹25 हजार का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला 16 दिसंबर 2023 को घटित हुआ था। कोडरमा थाना अंतर्गत बिजली आफिस के पीछे निवासी रविकांत सिंह पर अपनी पत्नी ममता देवी की हत्या का आरोप लगा था।
मृतका के पिता सागर सिंह ने 17 दिसंबर को थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसे कोडरमा थाना कांड संख्या 222/2023 के रूप में अंकित किया गया। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक प्रवीण कुमार सिंह ने पूरे मामले का संचालन किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 10 गवाहों की गवाही कराई गई। लोक अभियोजक ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए अदालत से आरोपी को अधिकतम सजा देने की मांग की। वहीं, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रकाश राम ने आरोपी का पक्ष रखते हुए दलीलें प्रस्तुत कीं।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रस्तुत गवाहों और साक्ष्यों का अवलोकन किया। साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने पाया कि आरोपी ने पत्नी की हत्या की है। इसके उपरांत न्यायाधीश राकेश चंद्रा ने रविकांत सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी ठहराते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा ₹25 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया।
क्या है मामला?
मृतका के पिता सागर सिंह ने प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि 17 दिसंबर को सुबह उन्हें सूचना मिली कि उनकी बेटी ममता देवी की हत्या कर दी गई है। जब वह परिजनों के साथ बेटी के ससुराल पहुंचे, तो ममता घर में अचेत अवस्था में पड़ी थी। उसके गले और चेहरे पर गंभीर चोट के निशान थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि दहेज की मांग को लेकर उनकी बेटी के साथ पहले भी कई बार मारपीट की गई थी और अंततः उसकी हत्या कर दी गई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।