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    Digital Land Record : मोबाइल फोन और लैपटॉप पर मिलेगी जमीन की सही लोकेशन, इस वेबसाइट का करें इस्तेमाल

    Digital Land Record अब जमीन की जानकारी के अंचल और कार्यालयों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। मोबाइल फोन और कंप्यूटर से जमीन की सही लोकेशन डिजिटाइज्ड मैप पर तुरंत मिल जाएगी। नेशनल लैंड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के तहत यह सुविधा झारखंड के 31996 गांवों में बहाल कर दी गई है। मूल नक्शा को डिजिटाइज्ड कर गूगल मैप में अपलोड कर दिया गया है।

    By Ajeet Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 27 May 2024 08:23 PM (IST)
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    Digital Land Record : मोबाइल फोन और लैपटॉप पर मिलेगी जमीन की सही लोकेशन

    अजीत कुमार, कोडरमा। Digital Land Record यह जमीन किसकी है, यह जानने के लिए अंचल या अन्य कार्यालयों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। अब मोबाइल फोन व कंप्यूटर पर जमीन की सही लोकेशन डिजिटाइज्ड मैप पर तुरंत मिल जाएगी। भारत सरकार के एनएलआरएमपी (नेशनल लैंड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम) के तहत यह सुविधा राज्य के 32,945 में से 31,996 गांवों में बहाल कर दी गई है।

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    राजस्व ग्रामों के मूल नक्शा को डिजिटाइज्ड कर गूगल मैप में अपलोड किया गया है। ऐसे में आम जनता को जमीन के नक्शा के भारी झंझटों से राहत मिल सकेगी।  गूगल के सेटेलाइट मैप में संबंधित भूमि का वास्तविक नक्शा व लोकेशन देख सकेंगे।

    16 जिले के शतप्रतिशत गांवों में मैप डिजिटाइज्ड

    फिलहाल कोडरमा के झुमरीतिलैया शहर को छोड़कर राज्य के 16 जिले में शतप्रतिशत गांवों के मैप को डिजिटाइज्ड कर दिया गया है। सरकारी स्तर से शेष बचे गांवों के सभी मैप को अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। झारखंड स्पेस एजेंसी एप्लीकेशन सेंटर द्वारा सभी जिलों को राजस्व नक्शा से संबंधित डेटा दिया जा रहा है। वहीं विभिन्न जिलों में ट्रेनी द्वारा इसे अपलोड किया जा रहा है।

    कोडरमा जिला में झुमरीतिलैया शहर को छोड़ अन्य सभी गांवों का मैप डिजिटाइजेशन का काम पूरा कर लिया गया है। इस सिस्टम पर कार्य कर रहे रेवेन्यू सेक्शन के प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर मनीष कुमार ने बताया कि भूमि का मैप डिजिटाइज्ड करने का काम अंतिम चरण में है। डेटा प्राप्त होने के बाद सभी अंचलों का जमीन का मैप गूगल में अपलोड कर दिया गया है। झुमरीतिलैया शहर का मैप अपलोड करने की प्रक्रिया राज्यस्तर पर चल रही है।

    हर प्लॉट का बनाया जा रहा यूनिक नंबर

    झारखंड स्पेस एजेंसी एप्लीकेशन सेंटर द्वारा हर प्लाट के लिए अलग यूनिक नंबर जनरेट किया गया है, जिसे संबंधित भूमि का आइडेंटिफिकेशन नंबर माना जाएगा। आम लोग झारभूमि झारखंड डाट गोव डाट इन (Jharbhoomi.jharhand.gov.in) से डिजिटाइज्ड मैप यानी भू-नक्शा के माध्यम से भूमि का डेटा देख सकेंगे।

    इस साइट के खुलने के बाद जिला, अंचल, हल्का, मौजा पर क्लिक करना होगा। फिर प्लाट के आप्शन पर क्लिक करने पर यूनिक नंबर दिखेगा। इस नंबर को सर्च आप्शन में डालने पर संबंधित भूमि का सैटेलाइट मैप दिखेगा। खास तौर पर आनलाइन की गई भूमि को डिजिटाइज्ड मैप में देखा जा सकेगा।

    लोगों को मिलेगी सुविधा 

    आम तौर पर भूमि की नक्शा के लिए लोगों को विभिन्न कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है। वहीं भूमि का सही लोकेशन जानने के लिए भी लोगों को कई तरह की परेशानी होती है। अब इस सिस्टम के बहाल से गूगल मैप पर आसानी से लोकेशन के साथ प्लाट देख सकेंगे।

    बताया जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में मैप को म्यूटेशन के साथ जोड़ दिया जाएगा। इससे भूमि की खरीद-बिक्री होने के बाद प्लाट में बदलाव भी दिखने लगेगा।

    इन जिलों का नक्शा शतप्रतिशत हुआ अपलोड

    राज्य के 32945 गांवों में 31996 गांवों की जमीन के नक्शे को गूगल मैप में अपलोड किया गया है। राज्य के 16 जिलों में शतप्रतिशत काम पूरा कर लिया है। वहीं आठ जिलाें के कुछ क्षेत्र में मैप अपलोड का काम प्रक्रियाधीन है। इसमें सरायकेला खरसांवा व साहेबगंज में 99 प्रतिशत, रांची 84 प्रतिशत, कोडरमा व खूंटी 98 प्रतिशत, गढ़वा 94 प्रतिशत, धनबाद 96 व देवघर में सबसे कम 82 प्रतिशत जमीन के नक्शा को गूगल मैप में अपलोड किया गया है।

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