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भले ही ओडिशा से हूं लेकिन खून में है झारखंड: राष्‍ट्रपति की बातों से झूम उठा खूंटी, बचपन की भी यादें कीं ताजा

खूंटी में महिला स्‍वयं सहायता समूह सम्‍मेलन में उपस्थित हुईं राष्‍ट्रपति को आदिवासी महिलाओं की सुधर रही आर्थिक स्थिति के बारे में जानकर काफी खुशी हुई। उन्‍होंने इस दौरान महिलाओं से ढेर सारी बातें की और उनका हालचाल भी पूछा।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Thu, 25 May 2023 02:34 PM (IST)Updated: Thu, 25 May 2023 02:34 PM (IST)
खूंटी में महिला स्‍वयं सहायता समूह सम्‍मेलन में उपस्थित हुईं राष्‍ट्रपति।

जासं, खूंटी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इन दिनों तीन दिवसीय दौरे पर झारखंड में हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन यानि कि गुरुवार को वह खूंटी में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बातें कीं और उनका हालचाल पूछा। कार्यक्रम में 20 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह की महिलाएं शामिल हुईं।

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भले ही उड़ीसा से हूं, लेकिन खून में है झारखंड: राष्‍ट्रपति मुर्मू

यहां राज्य और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से जनजातीय कला-शिल्प की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। महिला स्वयं सहायता समूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भले ही वह उड़ीसा की रहने वाली है लेकिन उनके खून में झारखंड है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में आदिवासी एवं जनजाति महिलाओं को आत्मनिर्भर बनते हुए देख कर मुझे बहुत खुशी हो रही है।

सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में दिखाएं तत्‍परता: राष्‍ट्रपति

महामहिम ने कहा, राज्य सरकार व केंद्र सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैंं। इन योजनाओं की जानकारी लेते हुए हमें इसका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है कि सभी के घरों तक लाभकारी योजनाओं को पहुंचाया जाए ऐसे में हमें स्वयं भी लाभकारी योजनाओं को प्राप्त करने के लिए आगे आना होगा।

महिलाओं की आर्थि‍क स्थिति सुधरने से राष्‍ट्रपति को मिली खुशी

उन्होंने कहा कि महिला समूह की ओर से बने सामानों की लगाई गई प्रदर्शनी के दौरान उन्होंने कई महिलाओं से बातचीत की और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने की बात जानकर उन्‍हें खुशी मिली।

उन्होंने अपने बचपन को याद करते हुए बताया कि उनकी दादी महुआ चुनने के लिए उन्हें रात 2 बजे बिस्तर से उठा देती थी। काफी परिश्रम के बाद महुआ को बचाया नहीं जा सकता था क्योंकि उसमें कीड़े लग जाते थे या कोई और खराबी आ जाती थी। लेकिन आज तकनीकी और प्रशिक्षण के इस्तेमाल से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं महुआ से केक, लड्डू और अन्य खाने की चीजें बना रही हैं। यह बहुत सुखद है।

आदिवासियों को उत्‍पाद का उचित मूल्‍य मिलना जरूरी: सीएम सोरेन

इस दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासी जनजाति के लोगों को आर्थिक रुप से मजबूत बनाने के लिए योजनाएं चला रही है। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी जनजाति लोगों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ तभी बनाया जा सकता है जब उनके उत्पाद को बाजार मूल्य मिले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मिल्क फेडरेशन बनाकर उनके उत्पादों को बाजार मूल्य पर खरीदने की योजना बना रही है क्योंकि वन उपज का एमएसपी बहुत ही कम है।


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