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लापरवाही की हद: प्रसव के बाद महिला के पेट में छोड़ दिया कपड़ा, पेट में लगातार हो रहा था दर्द; फिर ऐसे सामने आया सच

खूंटी सदर अस्‍पताल से डॉक्‍टरों की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां सिजेरियन डिलीवरी के बाद डॉक्‍टरों ने एक महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया। बाद में दर्द से कराहती महिला को भी अनदेखा किया। आखिरकार टीएमएच जमशेदपुर में इसका खुलासा हुआ तो एक बड़ा ऑपरेशन कर कपड़े को बाहर निकाला गया। महिला को अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Published: Tue, 16 Jan 2024 09:57 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jan 2024 09:57 AM (IST)
खूंटी सदर अस्‍पताल में प्रसव के बाद महिला के पेट में छोड़ा कपड़ा।

जागरण संवाददाता, खूंटी। खूंटी जिले के सदर अस्पताल स्थित मातृ शिशु अस्पताल में सिजेरियन के द्वारा प्रसव कराने के बाद 30 वर्षीय महिला चिनमई गुप्ता के पेट में 20 गुने 30 सेंटीमीटर का कपड़ा छोड़ दिया गया। इसकी शिकायत महिला के पति शहर के भगत सिंह चौक निवासी रितेश कुमार गुप्ता ने जिले के डीसी लोकेश मिश्र से गत शनिवार को की।

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29 नवंबर को महिला अस्‍पताल में हुई थी एडमिट

डीसी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम अनिकेत सचान के नेतृत्व में जांच के लिए टीम गठित की है। टीम पूरे मामले की जांच में जुटी है। इस संबंध में सिविल सर्जन डा. नागेश्वर मांझी से पूछने पर उन्होंने बताया कि यह मामला अभी उनके पास नहीं आया है।

भुक्तभोगियों की शिकायत पर डीसी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मामले के संबंध में पीड़िता के पति रितेश कुमार गुप्ता ने बताया कि गत 29 नवंबर को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर वह अपनी पत्नी को लेकर सदर अस्पताल परिसर में स्थित मातृ शिशु अस्पताल पहुंचा। यहां भर्ती करने के बाद मात्र तीन घंटे के अंदर अस्पताल में मौजूद डाॅक्टर रेखा कुमारी ने उसकी पत्नी का सिजेरियन के द्वारा प्रसव कराया।

पेट दर्द से छटपटाती महिला को डॉक्‍टरों ने किया अनदेखा

प्रसव के बाद नवजात बच्ची की हालत ठीक नहीं होने के कारण स्वजन प्रसूता को अस्पताल में ही छोड़कर नवजात बच्ची को रांची ले गए। इधर, अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उसकी पत्नी को तीन-चार दिनों बाद फिर से पेट में दर्द शुरू हुआ, परंतु डाक्टरों ने ठीक हो जाएगा कहकर उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया।

अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी जब महिला का पेट दर्द कम नहीं हुआ, बल्कि बढ़ता ही गया तो स्वजन उसे रांची ले गए। रांची में चिकित्सकों से दिखाने और विभिन्न अस्पतालों में कई बार अल्ट्रासाउंड कराने के बाद भी पेट दर्द के कारणों का पता नहीं चल पाया। चिकित्सक एक ही बात कह रहे थे कि पेट के अंदर खून जम गया है, जो इंजेक्शन से ठीक हो जाएगा। इधर, महिला की हालत ठीक नहीं हो रही थी, बल्कि दिन पर दिन दर्द और बढ़ता जा रहा था।

टीएमएच जमशेदपुर में किया गया ऑपरेशन

महिला की हालत में कोई सुधार होता नहीं देख पति रितेश पत्नी को टीएमएच जमशेदपुर ले गया। यहां एमआरआइ जांच में यह खुलासा हुआ कि महिला के पेट में कपड़ा है। इसके बाद टीएमएच में 30 दिसंबर को महिला का पुनः बड़ा आपरेशन किया गया, तब उसके पेट के अंदर से 20 गुने 30 सेंटीमीटर का कपड़ा निकला।

फिलहाल महिला को टीएमएच से डिस्चार्ज कर दिया गया है, लेकिन छह महीने तक विशेष सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। यह भी कहा गया है कि कुछ दिनों के अंतराल में ड्रेसिंग करनी होगी और दवा भी लगातार चलती रहेगी। इस स्थिति में रितेश अब जमशेदपुर में ही एक किराए के मकान में अपनी पत्नी को रखकर लगातार डाॅक्टरों के संपर्क में हैं। पत्नी की हालत में सुधार होने पर रितेश ने बताया अनहोनी से वह बच गया।

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