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    फूलों की खेती कर अंजू ने बदली अपने परिवार की ¨जदगी

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 17 Oct 2017 08:41 PM (IST)

    खूंटी : मुरहू प्रखंड के हेठगोवा गांव निवासी अंजू टूटी ने महज दो माह में गेंदा फूल की खेती

    फूलों की खेती कर अंजू ने बदली अपने परिवार की ¨जदगी

    खूंटी : मुरहू प्रखंड के हेठगोवा गांव निवासी अंजू टूटी ने महज दो माह में गेंदा फूल की खेती कर अपने और अपने परिवार की जिंदगी बदल दी है। अंजू टूटी ने महज 4600 रुपये से गेंदा के फूल के खेती जुलाई माह में शुरू की। इसके दो माह बाद ही उसने 46 हजार रुपये से अधिक का मुनाफा कर लिया है। अंजू ने बताया कि प्रदान एनजीओ और झरिया महिला संघ की मदद से उसने गेंदा फूल की खेती का प्रशिक्षण प्राप्त किया। उसके फायदों को जाना, खेती करना शुरू कर दिया है। वह बताती हैं कि उसने पहली बार में ही बंगाल से लाए हाईब्रिड नस्ल के 8 हजार गेंदा के फूल को 90 डिसमिल बंजर जमीन में लगाना शुरू किया। उसे इस फूल की खेती में प्रदान एनजीओ के सुखेंदू जमादार ने काफी सहयोग किया। उन्होंने अंजू टूटी को बताया कि फूल का पौधा कितनी दूरी पर लगाना है। फूल में कौन सी कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करना है। पानी कितनी मात्रा में देना है। कैसे फूल तोड़ना है। इसके अलावा माला बनाने के दौरान किस प्रकार की सूईं और धागा का प्रयोग करना है। अंजू बताती हैं कि दो माह पूर्व वह कई प्रकार की आíथक दिक्कतों से जूझ रही थी। पर, हाल के दिनों में उसने गेंदा फूल और गेंदा फूल की माला बनाकर अपनी और अपने परिवार को आíथक दिक्कतों को दूर किया है। गेंदा का फूल सोना की तहत फायदा देता है। उसने बताया कि दो माह में ही गेंदा की खेती से दस गुने का मुनाफा होता है। इसकी खेती में किसी प्रकार की समस्या नहीं है।

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    बाजार मिला तो होगा ज्यादा फायदा

    अंजू टूटी ने बताया कि खूंटी के लोग काफी मेहनती हैं। मुरहू क्षेत्र में महिलाएं गेंदा के फूल की खेती कर रही हैं। पर, कई महिलाओं को बाजार उपलब्ध नहीं होने के कारण दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है। अंजू टूटी ने बताया कि एक गेंदा के फूल के एक पेड़ से दो-तीन माला आसानी से बनाई जाती है। 3 फीट की एक माला की कीमत बाजार में 40 रुपये है, जबकि व्यापारी हमारे पास से 19 से 20 रुपये में खरीदकर ले जाते हैं।

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    रांची, गुमला भेजे जाते है फूल

    अंजू बताती है कि बंजर जमीन में पहले उसने धान की खेती कि थी जो खराब हो गई। इसके बाद उसी खेत में टमाटर की खेती की वह भी बेकार हो गई। उससे भी कुछ खास लाभ नही हो सका। उसने प्रदान की मदद से उसी खेत में जुलाई में गेंदा का फूल लगाना शुरू किया। इसके बाद से वह काफी खुश है। उसने बताया कि हेठगोवा, बाघमा आदि क्षेत्रों में होने वाले गेंदा के फूल रांची, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, जमशेदपुर आदि जिलों में भेजे जाते हैं। मुरहू हेठगोवा गांव फूल की खेती के लिए अन्यों जिलों में प्रसिद्ध हो रहा है।

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    कोट

    मुरहू के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे हेठगोवा, मलियादा, सेल्दा, इंदीपीड़ी आदि जगहों के गेंदा का फूल काफी प्रसिद्ध होते जा रहा है। सरकार और जिला प्रशासन से अपील है कि महिलाओं द्वारा की जा रही गेंदा के फूल की खेती के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराए। -सुखेंदू जमादार, प्रदान एनजीओ के सदस्य

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    हमारी संस्था महिलाओं द्वारा उगाए जा रहे गेंदा के फूल को व्यापारियों तक पहुंचाने का काम करती है। संघ इसके अलावा महिलाओं के हित में कई अन्य प्रकार का काम करता है। मुरहू के विभिन्न इलाकों में महिलाओं द्वारा गेंदा के फूल की खेती हो रही है। इससे महिलाएं अच्छा मुनाफा कमा रही हैं।

    -रविभूषण नाग, झरिया महिला संघ के सदस्य

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    सखी मंडल की महिलाओं द्वारा खूंटी जिला के हेठगोवा, मलियादा, सेल्दा, कुदासूद, गुटीगाड़ा, सुरूंदा, डोल्दा, कटहल टोली, कुदा पंचायत के रूईटोला, ¨बदा पंचायत के सियाकेल, सिदु इंदिपिड़ी, साड़ीपीड़ी आदि जगहों में गेंदा के फूल के खेती किया जा रहा है। इससे वे आत्मनिर्भर हो रही हैं। नक्सल प्रभावित होने के कारण इन इलाकों में पहले पोस्ता की खेती होती थी, लेकिन अब इन इलाकों में गेंदा की खेती एक सकारात्मक संदेश है। पूरे जिले में परिवर्तन की बयार बह रही है। गेंदा की खेती के लिए जिले के अन्य क्षेत्रों में प्रचार-प्रसाद किया जाएगा। वीरभूमि अब आíथक रूप से संपन्न भूमि हो रही है।

    -डॉ मनीष कुमार रंजन, डीसी खूंटी