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    शिक्षा की लौ से धो रहे जामताड़ा से साइबर क्राइम का कलंक, यहां 118 पंचायतों में लाइब्रेरी; युवा गढ़ रहे भविष्य

    By Kaushal Kumar SinghEdited By: Roma Ragini
    Updated: Sun, 23 Apr 2023 10:55 AM (IST)

    Jamtada साइबर क्राइम के गढ़ का कलंक झेल रहे जामताड़ा में शिक्षा की अनोखी लौ जल रही है। यहां की हर पंचायत में सामुदायिक पुस्तकालय हैं। इतना ही नहीं यहां प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारी बच्चों को पढ़ाते हैं। अब जामताड़ा एक नया भविष्य गढ़ने की ओर बढ़ रहा है।

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    जामताड़ा के सभी 118 पंचायतों में लाइब्रेरी

    कौशल सिंह, जामताड़ा। आज के दौर में जहां युवा और बच्चे पुस्तकों से दूरी बना रहे, वहीं ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मभूमि जामताड़ा की सभी 118 पंचायतों में सामुदायिक पुस्तकालय हैं। इन पुस्तकालयों ने जामताड़ा से साइबर अपराध के कलंक को धूमिल करने का काम तो किया ही, अब इन पुस्तकालयों में पढ़कर और तैयारी कर कई युवाओं ने जिले को अलग पहचान दिलाने का काम किया है।

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    इन पुस्तकालयों की शुरूआत होने के बाद से जामताड़ा के युवाओं में शिक्षा के प्रति रुची बढ़ती गई और पिछले दिनों इसके सुखद परिणाम भी देखने को मिले। पिछले जेपीएससी की परीक्षाओं में यहां के सात युवाओं ने सफलता हासिल की। जबकि, यहां आकर तैयारी करने वाले दर्जनभर से ज्यादा युवाओं ने रेलवे और बैंकिंग की परीक्षाओं में सफलता अर्जित की है।

    अब इनमें से 20 बन चुके मॉडल पुस्तकालय

    पिछले ही दिनों जामताड़ा डीसी फैज अहमद मुमताज की कोशिशों की वजह से 118 में से 20 पुस्तकालयों को मॉडल पुस्तकालय के रूप में अपग्रेड किया गया। अब इनमें आने वाले बच्चे डिजिटल बोर्ड और एलईडी स्क्रीन पर यू-ट्यूब पर डाले गए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित जानकारी लेकर अपनी आगे की तैयारी करने में जुटे हैं।

    इसके साथ ही, जिलेभर की सभी 118 पुस्तकालयों को 120 तरह की अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित नई किताबें भी मुहैया करवाई गई हैं। जिनके जरिए यहां के युवा अपने भविष्य को नई दिशा व दशा देने में जुटे हैं।

    यहां पुस्तक दान की भी परंपरा

    जिले की 118 पंचायत स्तरीय सामुदायिक लाइब्रेरियों में आप ज्ञान अर्जन के साथ ही ऑनलाइन पुस्तक भी दान कर सकते हैं। इन लाइब्रेरियों तक पहुंचने के लिए हाइटैक कनेक्टीविटी देने के लिए इन्हें पहले ही जीपीआरएस सिस्टम से जोड़ा चुका है। जिसके जरिए प्रशासनिक स्तर पर इनकी आसानी से मानिटरिंग की जाती है।

    कर्मशियल साइट से किताब खरीदकर दे सकते हैं दान

    आप अपने मोबाइल पर जाकर एक क्लिक कर इन लाइब्रेरियों के लोकेशन और रूट का भी पता लगा सकते हैं। इतना ही नहीं, इन लाइब्रेरियों में लगातार नई पुस्तकों की आमद होती रहे, इसलिए इन्हें सीधे नेट से कनेक्ट किया गया है और आप आनलाइन फ्लिपकार्ट व अमेजान से किताबें खरीद सीधे इन्हें डिलीवर भी कर सकते हैं।

    यदि आप मैनुअल तरीके से अपने घर की किताबें यहां दान करना चाहते हैं तो आप इसकी वेबसाइट पर दिए एड्रेस पर बाय पोस्ट या लाइब्रेरियन के मोबाइल नंबर पर कॉल कर भी किताबें उन्हें उपलब्ध करवा सकते हैं।

    पुलिस और प्रशासिनक अधिकारी लेते यहां क्लास

    यहां पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए क्लास लेने की जिम्मेदारी दी गई है। हफ्ते में एक-एक दिन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी यहां पहुंचकर बच्चों को बढ़ाते व उनका मार्गदर्शन करते हैं। पिछले दो साल के दौरान ही अब यहां ऐसी 30000 से भी ज्यादा कक्षाएं ली जा चुकी हैं।

    जामताड़ा के डीसी फैज अहमद मुमताज ने कहा कि हमारा प्रयास है कि इन पुस्तकालयों में उसी क्षेत्र के रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक, या किसी अन्य विभाग के रिटायर्ड अधिकारी पहुंचकर शिक्षा दें। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं।

    उन्होंने बताया कि साथ ही यहां पहुंचने वाले युवाओं को बेहतर माहौल और संसाधन उपलब्ध करवाकर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिया तैयार करने की तैयारी है। काफी हद तक इसमें सफलता भी मिली है। सबके सहयोग से ही पुस्तकालयों का स्तर और भी बेहतर हो सकेगा।