---जल संरक्षण : उम्मीद 2021: 300 एकड़ में ड्रिप सिचाई योजना उतरेगी धरातल पर
----जल संरक्षण से संबंधित छोटे-बड़े 6000 योजनाएं जलसंरक्षण को बढ़ावा देगी ----रेन वाटर हा
----जल संरक्षण से संबंधित छोटे-बड़े 6000 योजनाएं जलसंरक्षण को बढ़ावा देगी
----रेन वाटर हार्वेसटिग से रसातल जा रहे जलस्तर पर लगाम लगेगा
फोटो 10,11
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : दिन दोगुना रात चौगुना बढ़ रहे आबादी व पताल की ओर जा रहे जल स्तर से चितित सरकार तथा आम लोग जल संरक्षण की दिशा में जिले में कारगर पहल कर रहे हैं। जिला प्रशासन राज्य तथा केंद्रीय योजना के तहत जल संरक्षण को लेकर तालाब, डोभा, ट्रेंच कम बंड, गहरीकरण नाला, मेड़ बंदी, शॉकपिट, रेन वाटर हार्वेस्टिग, कच्चा चेक डैम, पक्का चेक डैम, टपक सिचाई योजना को धरातल पर उतारने पर लगा है। इन योजनाओं से जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। वहीं जलस्तर कायम रखने में भी सफलता मिलेगी।
नए साल में भी कृषि विभाग 300 एकड़ कृषि योग्य भूमि में टपक योजना के तहत ड्रिप सिचाई व्यवस्था सुचारू करेगा। इस योजना के तहत बूंद-बूंद पानी से फसलों की सिचाई संभव होगी। कृषि विभाग इच्छुक किसानों की सूची तैयार करने में जुट गया है। तकरीबन 32 किसानों ने योजना का लाभ लेने को पंजीकृत कराया है। फरवरी माह के अंतिम सप्ताह से ड्रिप सिचाई सिस्टम का निर्माण कार्य संबंधित किसानों के खेतों में शुरू होगा। इससे कम पानी में ही किसान बेहतर खेती कर पाएंगे। पानी की बचत भी होगी। इधर भूमि संरक्षण विभाग स्वीकृत 72 बृहद तालाब का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करेगा। तालाबों के जीर्णोद्धार से जल संग्रहण की क्षमता बढ़ेगी। आसपास का जलस्तर बरकरार रहेगा। 73 सिचाई टैंक का निर्माण कार्य भी आरंभ किया जाएगा। इधर वन विभाग 12 तालाब तथा 16 कच्चा व पक्का चेक डैम का निर्माण जल संरक्षण के उद्देश्य से करेगा। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण से मनरेगा योजना के तहत नए साल में 2284 टीसीबी, 1278 बंड, 2700 तालाब तथा डोभा, 1209 सिचाई कूप, 2058 शॉकपिट, 433 रेन वाटर हार्वेस्टिग का निर्माण कार्य चल रहा है। नए वर्ष में निर्माणाधीन योजनाएं पूरी होगी तो जलसंरक्षण की दिशा में बड़ा काम होगा। जबकि इस चालू वित्तीय वर्ष में जिले में 5132 टीसीबी, 2523 बंड, 600 सिचाई कूप, 249 शॉकपिट, पंचायत तथा प्रखंड स्तरीय सरकारी भवनों में 101 रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
-- वर्जन : स्थानीय स्तर पर मजदूरों को रोजगार देने जल संरक्षण से संबंधित योजनाओं का निर्माण कार्य समय पर पूर्ण करने के लिए जिला प्रशासन प्रयासरत है। वर्तमान समय में जल संरक्षण को लेकर परती भूमि तथा ढालनुमा भूमि में टीसीबी, बंड, तालाब, डोभा, सिचाई कूप, शॉकपिट, प्रखंड तथा पंचायत स्तरीय सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का निर्माण कार्य किया जा रहा है। नए साल में जिले के विभिन्न प्रखंडों में चल रहे जल संरक्षण से संबंधित छोटे-बड़े 6000 योजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। निर्माण कार्य को गति देने को नियमित निगरानी व निरीक्षण प्रखंड स्तर के अधिकारी कर रहे।
---नमन प्रियेश लकड़ा, उप विकास आयुक्त।