SIR के सवाल पर झारखंड में राजनीतिक तूफान, मंत्री बोले-किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे
Irfan Ansari: देशभर में मतदाता सूची की शुद्धता को लेकर चल रही बहस के बीच SIR—Special Intensive Revision एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बनकर उभरा है। चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई यह विशेष प्रक्रिया वोटर-लिस्ट की गहन जांच, दस्तावेज सत्यापन और नए मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए लागू की जा रही है। झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने इसका विरोध करने का एलान किया है।

कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी।
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। यूं तो भारत निर्वाचन आयोग अभी देश के 12 राज्यों में SIR (Special Intensive Revision) करा है। झारखंड में फिलहाल मतदाता सूची की मैपिंग की जा रही है। इसे एसआइआर का पूर्वाभ्यास कहा जा सकता है।

झारखंड में एसआइआर नहीं हो रहा है इसके बावजूद राजनीतिक हलचल मच गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एलान किया है-झारखंड में SIR को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा।
अंसारी ने कहा है कि एसआइआर भाजपा की केंद्र-सरकार की एक रणनीति है, जो मतदाता सूची में बदलाव करके देश को बांटने और विशेष वर्गों की वोटिंग ताकत कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
अंसारी ने दावा किया है कि SIR के माध्यम से भाजपा उन लोगों के नाम हटाने का काम कर रही है, जो उनकी वोट बैंक नहीं हैं- विशेषकर दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों से। उन्होंने कहा है कि बिहार सबसे बड़ा उदाहरण है। बिहार में इसे लागू कराकर सरकार बनाई गई। अब लक्ष्य-बंगाल, असम और फिर झारखंड है।
उन्होंने पार्टी नेतृत्व, खासकर JMM सुपरिमो हेमंत सोरेन को एकजुट होकर सड़क स्तर पर अभियान चलाने की अपील की है, ताकि जनता के अधिकारों की रक्षा की जा सके।
अंसारी ने कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिलकर एसआइआर के खिलाफ मजबूती से अभियान चलाने की अपील की है।
SIR क्या है?-एक संक्षिप्त परिचय
SIR का पूरा नाम है Special Intensive Revision। यह भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा मतदाता सूची (voter-roll) की एक गहन और विशेष समीक्षा प्रक्रिया है।
SIR के उद्देश्य और ज़रूरत: मतदाता सूची को साफ-सुथरा करना, मृत, डुप्लिकेट या स्थानांतरित मतदाताओं की पहचान करना। अनावश्यक या गैर-योग्य प्रविष्टियों को हटाना, ताकि सूची विश्वसनीय बने। नए पात्र मतदाताओं को जोड़ना-वे लोग जो 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष के हो चुके हैं, उन्हें सूची में शामिल करना। डेटा की शुद्धता बढ़ाना-प्रत्येक मतदाता के विवरण की पुष्टि करना, और नाम, पता, अन्य बातों की जांच करना।
SIR कैसे काम करता है?
हाउस-टू-हाउस विज़िट: ये एक व्यापक सर्वे है, जिसमें बूथ-स्तर अधिकारी (BLO) हर घर तीन बार जाते हैं। दस्तावेज़ सत्यापन: BLO नए Enumeration Forms (गणना फॉर्म) बांटते हैं और उनसे जानकारी भरवाई जाती है। दावा और आपत्ति (Claims & Objections): ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद, लोगों को दावा या आपत्ति दर्ज करने का मौका दिया जाता है। अंतिम सूची: निरीक्षण और सुनवाई के बाद, अंतिम मतदाता सूची तैयार की जाती है।

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