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    कोई भी तेज बुखार चमकी हो सकता

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 27 Jun 2019 06:37 AM (IST)

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    कोई भी तेज बुखार चमकी हो सकता

    जामताड़ा : चमकी बुखार से बचाव के प्रति सजग रहना जरूरी है। बच्चों के खान-पान व रहन-सहन के प्रति सावधानी बरतें। कोई भी तेज बुखार चमकी हो सकता है। इससे प्रभावित बच्चे के सिर में दर्द, तेज बुखार व शरीर चमक-चमक कर उठता है। ऐसे लक्षण पाए जाने पर बीमार बच्चे का इलाज तत्काल एमबीबीएस डॉक्टर से कराएं। ओझा-गुणी व झोला छाप चिकित्सक के चक्कर में न पड़ें। ये सुझाव डीआरसीएच सह चिकित्सक डॉ. दिनेश कुमार अखौरी ने दैनिक जागरण के जनसरोकारी पहल प्रश्न पहर में सुधि पाठकों के सवालों पर दिया। प्रस्तुत है, उनसे पूछे गए सवाल व जवाब में दी गई सलाह।

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    सवाल : चमकी बुचार क्या है? इसके लक्षण क्या हैं? दीपक पंडित फतेहपुर।

    जवाब : चमकी बुखार कोई बीमारी नहीं है। इससे प्रभावित बच्चों को अचानक तेज बुखार के साथ शरीर में चमकने जैसा हलचल होता है। यह वायरल इंसेफलाइटिस, मेनीनजाइटिस भी हो सकता है। बच्चे को तेज बुखार है तो एसे तुरंत पानी का पट्टी सिर पर दें। कपड़ा पानी में भिगो कर लगाएं। फिर उस बच्चे को शीघ्र अच्छे डॉक्टर से दिखाएं। झोला छाप डॉक्टर या फिर ओझा-गुणी के चक्कर में न पड़े। अन्यथा बच्चे के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। बच्चे की जांच कर इलाज कराएं।

    सवाल : चमकी बुखार से कैसे बचाव किया जा सकता हैै? मृत्युंनजय ओझा, नारायणपुर।

    जवाब : इस मौसम में बच्चे को तेज धूप में न जाने दें। उसे पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। धूप से घर आने के बाद तुरंत स्नान न कराएं। बच्चे में चमकी बुखार का लक्षण दिखे तो जांच कर दवा दें। यह दवा से ठीक हो सकता है।

    सवाल : बच्चा के सिर में दर्द है। बुखार रहता है। क्या करें? जगन्नाथ भंडारी, फतेहपुर।

    जवाब : यदि बच्चे के सिर में दर्द है। तेज बुखार भी है तो तत्काल एमबीबीएम डॉक्टर से इलाज कराएं। जांच में पता चलेगा कि बच्चे को बुखार क्यों आ रहा है। उसे वायरल इंफ्लुएंजा, इंसेफलाइटिस, टॉयफाइड भी हो सकता है। ऐसे में बच्चे का खून जांच करवाना जरूरी है। कुंडहित में सरकारी चिकित्सक है। बच्चे की जांच वहां कराएं।

    सवाल : बरसात के मौसम में बच्चों को बीमारी से कैसे बचाएं? प्रभात चंद पंडित, फतेहपुर।

    जवाब : वायरल इंफेक्शन बरसात के मौसम में ज्यादा होता है। चमकी बुखार भी हो सकता है। बच्चों को तेज धूप से बचाएं। शुद्ध पानी पर्याप्त मात्रा में पिलाएं। खाली पेट बच्चे को बाहर न जानें दें। फ्रिज के पानी से परहेज रखें। आरओ पानी का सेवन करें। धूप में घर आने के तुरंत बाद बच्चों का स्नान न कराएं।

    सवाल : चमकी बुखार कैसे होता है। बचाव का उपाय बताएं। निताय घोष, नाला।

    जवाब : कोई भी बुखार चमकी हो सकता है। टाइफाइड आदि बुखार समेत डायरिया में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस का सेवन नहीं किए तो यह चमकी बुखार में बदल सकता है। पहल जलपट्टी सिर में दें फिर इलाज कराएं। जांच में ही पता चलेगा कि चमकी क्यों आता है?

    सवाल : मौसम बदलने पर बच्चे की तबीयत खराब हो जाती है। क्या करें? मुकेश मंडल, करमाटांड़।

    जवाब : मौसम बदलने पर वायरल बुखार हो सकता है। आपका बच्चा महीने भर का है। मां को परहेज से रहने की सलाह दें। मां को धूप में न जाने दें। वह पानी में न जाएं। मां के दूध से बच्चा प्रभावित होता है। इस मौसम में मां को मछली, कटहल खाने से परहेज कराएं। इसके सेवन से डायरिया होने का खतरा रहता है। बच्चे के शरीर में पानी की कमी न होने दें। बड़ा बच्चा है तो पानी उबालकर व ठंडा कर उसे पिलाएं।

    सवाल : पांच वर्ष का बच्चा है। दस-बारह दिनों से खांसी है। कैसे ठीक होगा ? सुनील मंडल, बिदापाथर

    जवाब : बच्चे को तत्काल डॉक्टर से दिखाएं। एलर्जी, ब्रोनकाइटिस भी हो सकता है। जामताड़ा में इसके बहुत से मरीज हैं। इलाज कराएं। नहीं तो यही खांसी बाद में निमोनिया का रूप ले सकता है। एमबीबीएम डॉक्टर से बच्चे को दिखाकर खून की जांच कराएं।

    सवाल : डेढ़ वर्ष व तीन वर्ष का बच्चा है। तीन-चार माह से बुखार है। वजन भी कम है। कैसे इलाज कराएं? अंगद कुमार करमाटांड़।

    जवाब : डेढ़ वर्ष का बच्चा है तो कम से कम उसका वजन 10-11 किलो होना चाहिए। दूसरे बच्चे का वजन 15-20 किलो होना जरूरी है। वजन कम है तो बच्चे के खान-पान पर विशेष ध्यान दें। बच्चा नहीं खाता है तो कोई कारण हो सकता है। जांच से पता चलेगा। पेट में कृमि भी हो सकता है। बच्चों को कुरकुरे व लेज न खाने दें। बच्चों का सही से इलाज कराएं।

    सवाल : टीबी का शुरुआती लक्षण क्या है? बच्चे को खांसी है। पंकज सिंह, बिदापाथर।

    जवाब : सब खांसी टीबी नहीं होता है। दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी है तो टीबी हो सकता है। वहीं गेड़िया में बलगम जांच की सरकारी व्यवस्था है। बलगम जांच कराएं। टीबी का पता भी चल जाएगा। टीबी के लक्षण में शाम के समय हल्का बुखार आना, रात में नींद कम आना,वजन कम होना, सांस लेने मे तकलीफ होना शामिल है। ऐसा हो रहा है तो जांच कराएं। सरकार इलाज व दवा की मुफ्त सुविधा दे रही है। प्रत्येक टीबी मरीज को अब पांच सो रुपया मासिक भी सरकार देती है।

    सवाल :एलर्जी का क्या ईलाज है? कहां ईलाज कराएं? रीना कुमारी, नाला।

    जवाब : एलर्जी के कई कारण हो सकते हैं। यह कुछ खाने व कुछ पहनने से भी हो सकता है। किस चीज से एलर्जी है, इसकी जांच कराएं। फिर उसी अनुसार इलाज शुरू कराएं। एंटी एलर्जी का दवा खाएं। स्थायी निदान के लिए कोलकाता में एलर्जी की जांच कराएं। रांची रिम्स में भी इसकी जाच होती है।