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    ना सिस्टम ने फिक्र की ना ही शिक्षकों ने शिकायत, नतीजा 100 से ज्यादा स्कूलों में जुमा अवकाश

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 10 Jul 2022 04:04 AM (IST)

    ना सिस्टम ने फिक्र की ना ही शिक्षकों ने शिकायत नतीजा 100 से ज्यादा स्कूलों में शुक्रवार (जुमा) अवकाश

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    ना सिस्टम ने फिक्र की ना ही शिक्षकों ने शिकायत, नतीजा 100 से ज्यादा स्कूलों में जुमा अवकाश

    ना सिस्टम ने फिक्र की ना ही शिक्षकों ने शिकायत, नतीजा 100 से ज्यादा स्कूलों में जुमा अवकाश

    कौशल सिंह, जामताड़ा : जामताड़ा के मुस्लिम बहुल इलाकों में 100 से अधिक स्कूलों में मनमाने तरीके से रविवार की बजाय शुक्रवार को छुट्टी घोषित की जा चुकी है। वहीं, कई स्कूलों के नाम के आगे उर्दू स्कूल लिख दिया गया है। स्थानीय लोगों द्वारा दबाव डालकर ऐसा कराए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन इस मामले में इन स्कूलों के शिक्षक, विद्यालय प्रबंध समितियां और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी कठघरे में हैं। दबाव डालने के बाद भी नियमों का उल्लंघन करने की खुली छूट कैसे दे दी गई, यह बड़ा सवाल है। जबकि, पिछले आठ महीने पहले उत्क्रमित उच्च विद्यालय बिराजपुर में शुक्रवार को विद्यालय बंद करने को लेकर ग्रामीणों ने हंगामा किया था। मामला काफी बिगड़ा और मामला जिला शिक्षा पदाधिकारी तक भी पहुंचा। ग्रामीण मुस्लिम आबादी अधिक होने का हवाला देकर स्कूल शुक्रवार को बंद करने पर अड़े थे। इस मामले को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक दीपनारायण मंडल की ओर से विभागीय पदाधिकारियों को भी कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन विभागीय स्तर पर इस मामले को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। नतीजा यह है कि ग्रामों के दबाव में यहां शुक्रवार को ही जबरिया साप्ताहिक अवकाश का सिस्टम बन गया। विभाग की अंदरूनी हकीकत यह है कि पूरे प्रकरण में आजतक शिक्षा विभाग के बीइओ से लेकर डीइओ तक ने स्कूलों के जुमा अवकाश पर संज्ञान नहीं लिया। नतीजा, कुछ वर्षों में जिले के 1084 स्कूलों में से 100 से भी ज्यादा स्कूलों में शुक्रवार (जुमा) अवकाश का स्वघोषित प्रविधान बन गया। जबकि, विभागीय स्तर पर जिलेभर में सिर्फ 15 उर्दू विद्यालय हैं, जिन्हें शुक्रवार को अवकाश रखने की छूट दी गई है।

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    बयान... संबंध पदाधिकारी तत्काल मामले पर संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई करे। यह बेहद दुखद और चिंतनीय सत्य उजागर हो रहा है। ऐसे स्कूलों की लिस्ट मंगाकर मैं तत्काल इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करूंगा। सभी संबंधित लोग कार्रवाई को तैयार रहें।

    सुनील सोरेन, सांसद, दुमका संसदीय क्षेत्र

    बयान.... हमारे विधानसभा क्षेत्र में ऐसा मामला नहीं आया है। ऐसे मामलों में मैं कोई कमेंट नहीं करना चाहता। मेरे संज्ञान में ऐसा मामला जब आएगा तो देखेंगे और विचार करेंगे।

    रवींद्र नाथ महतो, नाला विधायक सह विधान सभा अध्यक्ष

    बयान ... यह नियम हमारी सरकार ने नहीं बनाया है। यह काफी पहले से ही चला आ रहा है। ऐसे संवेदनशील मामलों को तूल देने की जगह इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि बच्चों की पढ़ाई कैसे बेहतर तरीके से हो। बच्चे ठीक ढंग से स्कूलों में कैसे पढ़ें यह बात होनी चाहिए। कौन किस दिन स्कूल जाता है इस विवाद को तूल देकर माहौल खराब करने का प्रयास गलत सोच को दर्शाता है।

    डा. इरफान अंसारी, विधायक जामताड़ा

    बयान....

    इधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी शुक्रवार तक बोले होगी कार्रवाई, शनिवार को फोन ही नहीं उठाया....

    स्कूलों की शुक्रवार को हो रही बंदी का मामला तूल पकड़ता देख जिला शिक्षा पदाधिकारी अभय शंकर ने शनिवार को दैनिक जागरण का फोन ही नहीं उठाया। जबकि, शुक्रवार को दिए अपने बयान में वे कह रहे थे कि जिले के किसी भी मुस्लिम बहुल इलाकों के सरकारी स्कूल शुक्रवार को बंद होने की सूचना नहीं है। शिक्षक और वहां की शिक्षा समिति ऐसा कर रही हैं तो मामला अति संवेदनशील है। ऐसे लोगों और शिक्षकों पर निश्चित तौर पर कार्रवाई करेंगे।