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    आदिवासी- कोल ने किया जनजाति दर्जा के लिए प्रदर्शन

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 16 Feb 2018 03:13 AM (IST)

    ---------- संवाद सहयोगी, जामताड़ा : कोल समाज को जनजाति का दर्जा देने समेत आठ सूत्री मांग को ल

    आदिवासी- कोल ने किया जनजाति दर्जा के लिए प्रदर्शन

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    संवाद सहयोगी, जामताड़ा : कोल समाज को जनजाति का दर्जा देने समेत आठ सूत्री मांग को लेकर गुरुवार को शहर में भारत प्राचीन आदिवासी कोल जाति कल्याण समिति ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया। बाद में स्थानीय गांधी मैदान में समिति ने वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें सरकार पर कोल जाति की उपेक्षा का आरोप लगाया। सम्मेलन में आदिवासी व कोल समाज के लोग काफी संख्या में पहुंचे थे। झारखंड के अलावा बिहार पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से संगठन के प्रतिनिधि भी पहुंचे थे। कोल आदिवासियों की बिगड़ती हुई आर्थिक, सामाजिक एव शैक्षणिक परिस्थिति से छुटकारा को पूरे समाज को गोलबंद होने का आह्वान किया गया।

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    समिति के केंद्रीय महासचिव अनिल कुमार टुडू कोल, महामंत्री प्रभु कोल, केंद्रीय प्रवक्ता हरि किशोर कोल, केंद्रीय संगठन मंत्री छोटू कोल ने कहा कि कोल समाज अपने अधिकार को सहजता पूर्वक प्राप्त करना चाहते हैं। इसके लिए घर-घर शिक्षा का वातावरण तैयार करने व अधिकार के लिए आगे आने की जरूरत है। कहा कि आजाद भारत के दशकों बाद भी कोल जाति को जनजाति का दर्जा नहीं मिल सका है। झारखंड में कोल जाति विलुप्त होने के कगार पर है। फिर भी सरकार उपेक्षा का रवैया अपनाए हुई है। इसके लिए हम सभी को एक होने की जरूरत है। वक्ताओं ने समाज में शराब बंदी को शतप्रतिशत लागू करने की नसीहत दी। कहा गया कि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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    -- शहर में जुलूस निकाल कयिा सम्मेलन को आगाज

    कोल महासम्मेलन में शामिल होने को विभिन्न राज्य व जिले से पहुंचे लोगों ने गांधी मैदान से रैली आरंभ कर मुख्य बाजार, इंदिरा चौक, स्टेशन रोड़, वीर कुंवर ¨सह चौक होते हुए गांधी मैदान में सभा में परिवर्तित हो गई। नेतृत्व जिलाध्यक्ष जितन कोल ने किया। मौके पर केंद्रीय कमेटी के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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    --ये है मुख्य मांगें

    महासम्मेलन में कोल जाति को आदिम जाति का दर्जा देने, झारखंड में पूर्णत: नशाबंदी करने, लुप्त हो रही कोल जनजाति का सर्वे किया जाए, कोल परिवार की हड़पी जमीन को वापस करने, अधिकार कानून 05 वीं व छठी अनुसूची को शक्ति से लागू करने, स्थानीय नीति 1032 ई. के खतीयान के आधार पर लागू करने, शहीदों का स्मारक बनाने, विश्वजीत कोल के नाम पर अनुमंडल कार्यालय बनाने की मांग की गई। आठ सूत्री मांग पत्र उपायुक्त के जरिए महामहिम को भेजा या।

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    वक्ता में थे ये शामिल

    आदिवासी कोल जाति कल्याण समिति के केंद्रीय कोषाध्यक्ष पशुपति कोल, पर्यवेक्षक नरेश कोल, जिला अध्यक्ष जितन कोल, जिला सचिव अरुण कोल, उपाध्यक्ष दिलीप कोल, भोलू कोल, सावित्री कोल, कोषाध्यक्ष बबलू कोल, रामकिशोर कोल, छोटेलाल कोल आदि प्रमुख पदाधिकारी शामिल थे।