अधिप्राप्ति केंद्र नहीं खुलने से किसान मजबूर, 2449 की जगह 1500 में बिक रहा धान
कुंडहित, जामताड़ा के किसान अपनी धान की फसल को कम कीमत पर बेचने को मजबूर हैं क्योंकि चक्रवात के कारण व्यापारी औने-पौने दाम लगा रहे हैं। सरकार ने 2449 र ...और पढ़ें

2449 की जगह 1500 में बिक रहा धान
संवाद सहयोगी, कुंडहित (जामताड़ा)। इस वर्ष अपने बेहतर धान की फसल को देखकर किसानों ने काफी सपने संजोए थे। लेकिन मेंथा चक्रवात ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया। मोंथा चक्रवात के चपेट में आए धान के फसल को खरीदने से दुकानदार इंकार कर रहे हैं।
दुकानदार चक्रवात का बहाना बनाकर किसानों से उनके मेहनत और खून पसीने से उपजाए गए धान को बेकार बताकर औने पौने दाम देकर धान को खरीद रहे हैं।
इस संबंध में किसान परिमल घोष, राजू चौधरी, रासबिहारी चौधरी, हाराधन घोष, पांड़ु हांसदा ने बताया जबकि धान का उचित कीमत भी किसानों को नहीं मिल रहा है। छोटा या बड़ा व्यापारी द्वारा धान की बाजार में नहीं होने का हवाला देकर हम किसानों को बरगला रहे हैं ।
2449 रुपए प्रति क्विंटल देने की घोषणा
व्यापारी द्वारा गांव-गांव में 1500-1600 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदकर पश्चिम बंगाल ले जा रहे हैं। जबकि सरकार के द्वारा न्यूनतम धान का समर्थन मूल्य 2369 रुपए व 80 रुपये बोनस के साथ 2449 रुपए प्रति क्विंटल देने की घोषणा की गई।
अभी तक क्षेत्र में धान अधिप्राप्ति केंद्र नहीं खोलने के कारण व्यापारी गांव-गांव में घूम कर धान खरीदने वाले लोग इसका बेजा फायदा उठा रहे हैं।
अधिकतर किसान धान फसल खेत से घर आते ही औने पौने दाम देकर धान को बेच देते हैं। उसके बाद सरकार के द्वारा धान क्रय शुरू किया जाता है। ऐसे में किसानों का ज्यादा फायदा नहीं मिल पाता है।
15 दिसंबर से खुलेंगे धान अधिप्राप्ति केंद्र
सरकारी अधिकारियों के निर्देश के आलोक में आगामी 15 दिसंबर से धान अधिप्राप्ति केंद्र खोलने का निर्देश जारी किया है। जबकि कुंडहित प्रखंड क्षेत्र के कुंडहित, अंबा नगरी एवं विक्रमपुर लैंप्स में धान अधिक प्राप्त केंद्र खोला जाएगा।
इसके लिए जिला आपूर्ति पदाधिकारी कयूम अंसारी द्वारा चारों लैंप्स का निरीक्षण कर लिया गया। सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति केंद्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2369 रुपए रखा गया। जबकि राज्य सरकार द्वारा प्रति क्विंटल 80 रुपए बोनस देने का एलान किया गया है।

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