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Jamtara Cyber Fraud: 800 रुपये की दिहाड़ी पर साइबर ठगों की 'नियुक्ति', इन 3 जालसाजों ने खोल दिए जामताड़ा के गहरे राज!

जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस ने तीन ठगों को गिरफ्तार किया है और उन्होंने जो खुलासे किए हैं इससे पुलिस महकमा भी तफ्तीश को लेकर और भी चौकन्ना हो गया है। गिरफ्त में आए तीनों ठग साइबर अपराधियों के गैंग के सरगना ने इन्हें रोजाना के लिए आठ साै से हजार रुपयों के लिए दिहाड़ी पर साइबर ठगी करने के लिए रखा था।

By Jagran News Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Tue, 05 Mar 2024 08:16 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2024 08:16 PM (IST)
जामताड़ा साइबर पुलिस ने तीन साइबर ठगों को किया गिरफ्तार (फाइल फोटो)

कौशल सिंह, जामताड़ा। Three Cyber Fraud Arrested: पुलिस की लगातार दबिश और कार्रवाई से भले ही जामताड़ा अब देशभर में साइबर अपराध का सिरमौर ना रहा हो। लेकिन यहां के साइबर अपराधियों द्वारा ठगी के लिए अपनाए जाने वाले रोजाना के नायाब तरीके देश-दुनिया को चौंकाने के लिए काफी हैं।

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तीन मार्च को जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस की गिरफ्त की आए तीन ठगों ने जो खुलासे किए हैं, इससे पुलिस महकमा भी तफ्तीश को लेकर और भी चौकन्ना हो गया है।

दिहाड़ी पर करते थे साइबर ठगी

गिरफ्त में आए ठग साइबर अपराधियों के गैंग के सरगना का दिहाड़ी मजदूर निकले ये अपराधी अपने आका के लिए रोजाना आठ साै से हजार रुपयों के लिए दिहाड़ी पर साइबर ठगी करते थे।

गिरफ्त में आया महेंद्र यादव, सुनील यादव और विशाल कुमार मंडल जिस साइबर ठग गिरोह के लिए काम करते थे उसका सरगना कहीं और बैठ कर इनसे दिहाड़ी देकर साइबर अपराध करवा रहा था।

जामताड़ा से कर रहे कई जगहों पर साइबर ठगों की भर्ती

जामताड़ा पुलिस की लगातार छापेमारी की वजह से ठगी की रैंकिंग में जामताड़ा का ग्राफ वर्तमान राजस्थान के डिग, अलवर व हरियाणा का मेवात व नूंह समेत बिहार के नवादा और झारखंड के देवघर से भी नीचे जा चुका है। लेकिन यह भी सच है कि यहां के मास्टर माइंड देशभर में अलग-अलग ठिकाने बनाकर इस ठगी के धंधे में अपनी पैठ बनाए हुए हैं।

विश्वस्त पुलिस सूत्रों की मानें तो जामताड़ा पुलिस के हत्थे चढ़ चुके ठगों के ज्यादातर मास्टर माइंड ने अपना ठिकाना बदल लिया है। ठगी के पैसों की बदौलत ये इतने सक्षम हो चुके हैं कि देशभर के अलग-अलग ठिकानों पर बैठकर ये ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

साइबर ठगों के आका मुहैया करवाते हैं ठगी के संसाधन 

इतना ही नहीं, इन शातिरों ने प्लेसमेंट एजेंसी की तरह ही अपने क्षेत्र के युवकों को प्रलोभन देकर साइबर ठगी के धंधे में बहाल कर रखा है। अलग-अलग ठिकानों पर बैठे ठगों के आका इन साइबर ठगी के धंधे में आने वाले युवकों को ठगी के संसाधन तो मुहैया करवाते ही हैं, इन्हें रोजाना ठगी के लिए एक निश्चित रकम का भी भुगतान करते हैं।

सबका बंटा हुआ है काम

सूत्र बताते हैं कि ठगों के गिरोह के सरगना ने सभी का काम बांट रखा है। गिरोह में शामिल कुछ लोग बंगाल, आसाम, ओड़िसा समेत अन्य जगहों से फर्जी सिम कार्ड लाकर इन गुर्गों को उपलब्ध करवाते हैं तो कुछ लोग ठगी के पैसों के लिए भाड़े पर और फर्जी आईडी के खाते उपलब्ध करवाते हैं।

जबकि गिरोह में शामिल अन्य लोग इन पैसों को ऑनलाइन, एटीएम से और अन्य तरीकों से निकालकर खपाने का प्रबंध करते हैं। फिर आपस में इन पैसों का बंटवारा होता है।

पुलिस की कार्रवाई से गिरा अपराध का ग्राफ

जामताड़ा पुलिस की लगातार कार्रवाई का ही नतीजा है कि यहां साइबर अपराध का ग्राफ गिरा है। लेकिन साइबर अपराध में प्रलोभन की वजह से क्षेत्र के युवाओं के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है।

जामताड़ा पुलिस अपनी कार्रवाई लगातार जारी रखेगी और ऐसे ठगों को पनाह देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। टीम का प्रयास है कि गहन पड़ताल कर ऐसे गिरोह के सरगना तक पहुंचा जाए ताकि अपराध पर अंकुश लगाने में सफलता मिले।

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