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    अब Jamtara के साइबर ठगों का आने लगा नंबर, पुलिस के पास न जाकर खुद कर रहे रफा-दफा

    By Kaushal Kumar Singh Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Mon, 10 Nov 2025 09:39 PM (IST)

    Cyber Crime: जामताड़ा के साइबर ठगों पर आधारित एक फिल्म आई थी-'जामताड़ा सबका नंबर आएगा।' मतलब यहां के ठगों से कोई बचने वाला नहीं है। हालांकि अब जामताड़ा के साइबर ठगों का भी नंबर आने लगा है। अपराधी मालदार साइबर ठगों की पहचान कर अगवा कर रहे हैं। लाखों रुपये की फिरौती वसूल रहे हैं। 

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    झारखंड का जामताड़ा साइबर ठगों के लिए देशभर में मशहूर है।

    कौशल सिंह, जामताड़ा। देशभर में साइबर ठगों के लिए प्रसिद्ध जामताड़ा के साइबर ठग अपने को बहुत शातिर समझते हैं। वे पलक झपकते ही लोगों की खून पसीने की कमाई उनके बैंक खाते से खींच लेते हैं। ऐसे ठग अब खुद अपराधियों के निशाने पर हैं।

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    पिछले दो साल में कई ऐसे मामले आए, जब ठगों के घर वर्दी गैंग ने डाका डाला। फिरौती गैंग ने इन्हें अगवा कर रकम वसूली। अपराधी पहले ठगों की पहचान करते हैं, उसके बाद उन्हें निशाना बनाते हैं। ऐसी घटनाओं के बाद साइबर अपराधी भी पुलिस के पास नहीं जाते हैं, इन मामलों को रफा दफा कर देते हैं। 

    पूर्व में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जहां साइबर अपराधियों की पहचान कर पुलिस की वर्दी में आए डकैतों ने डाका डाला। हाल में ही करमाटांड़ से दो युवकों को अगवा कर लिया गया। फिरौती गैंग ने इन्हें साइबर ठग समझकर अगवा किया था, पर जो अगवा हुए थे वे साइबर अपराधी नहीं थे।

    जामताड़ा के एक दर्जन गांवों में हुई हैं ऐसी घटनाएं

    कई मामलों में पुलिस को लूट व डकैती का शिकार बनने वाले साइबर ठग सूचना भी नहीं देते। क्योंकि ये लूट की रकम उजागर कर अपनी हकीकत खोलना नहीं चाहते हैं, खुद ही साइबर अपराध से जुड़े होने के कारण पुलिस के पास जाने से बचते हैं।

    दो साल के दौरान जामताड़ा के सोनबाद, नारायणपुर के रूपडीह, जेरूआ, मिर्गा, लटैया, मदनाडीह और करमाटांड़ के ताराबहाल समेत कई गांवों में लूट व डाका की वारदातें हुईं, ठग अगवा भी हुए।

    पुलिस ने दबोच लिए पांच अपहरणकर्ता

    31 अक्टूबर की रात मोहनपुर मोड़ से बिराजपुर केदुवाटांड़ निवासी आरिफ अंसारी व इससे पहले करमाटांड़ थाना क्षेत्र के पारटोल गांव के इकराम अंसारी को अपराधियों ने साइबर अपराधी समझकर फिरौती के लिए अगवा किया। इनके स्वजन से छोड़ने के एवज में 58 लाख रुपये फिरौती मांगी। हालांकि ये साइबर ठग नहीं थे, घरवालों ने पुलिस को सूचना दी।

    पुलिस की मुस्तैदी से गैंग के पांच अपराधी पकड़े गए। इनमें देवघर का आजाद अंसारी, गिरिडीह का मिस्टर अंसारी, जामताड़ा का समद अंसारी, शिवलाल मरांडी, अब्दुल हसीब शामिल हैं। अगवा युवकों की सकुशल बरामदगी हुई।

    पकड़े गए अपराधियों पुलिस के सामने स्वीकारा कि साइबर ठग के संदेह में अगवा किया था। पहले भी ऐसी वारदातें की हैं। सूत्र बताते हैं कि अगवा करने के मामलों में लाखों की फिरौती ली जाती है। कोट पुलिस के हत्थे चढ़े अपहरणकर्ता दुर्दांत अपराधी हैं।

    इस गैंग में धनबाद, गिरिडीह, देवघर और जामताड़ा के अपराधी हैं। ये अगवा कर फिरौती मांगने के अलावा लूट, हत्या और डकैती के मामलों में संलिप्त रहे हैं। पूर्व में पुलिस की वर्दी में साइबर ठगों को चिह्नित कर उनके घर से लूटपाट और डाका डालने की वारदातें भी जानकारी में आई हैं।

    जामताड़ा के पुलिस अधीक्षक राजकुमार मेहता ने बताया कि जामताड़ा पुलिस ने ऐसी घटनाओं को गंभीरता से ले जांच शुरू की है।