जसवार कुर्मी की आर्थिक, सामाजिक व धार्मिक स्थिति की जांच
संवाद सहयोगी जामताड़ा धानुक व जसवार कुर्मी जाति के लोग एक ही जाति के श्रेणी में आते हैं

संवाद सहयोगी, जामताड़ा : धानुक व जसवार कुर्मी जाति के लोग एक ही जाति के श्रेणी में आते हैं। जबकि वर्तमान समय में सरकार धानुक जाति को पिछड़ी जाति की सूची वन का जाति प्रमाण पत्र निर्गत करती है, जबकि जसवार कुर्मी जाति को पिछड़ी जाति की दूसरी सूची के तहत में जाति प्रमाण पत्र मिल रहा है। इस पर आयोग के पास जसवार कुर्मी जाति के पेश किए गए दावा की जांच करने मंगलवार को पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के सदस्य डॉ. राजाराम महतो यहां शहर स्थित नामु पाड़ा पहुंच कर जस वार कुर्मी समाज की महिला पुरुष से उनकी आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक परंपराओं व स्थिति की जानकारी ली। आयोग के सदस्य ने प्रशासन के अधिकारियों से भी मंत्रणा की। अब रिपोर्ट आयोग को सौंपी जाएगी।
पिछले साल जामताड़ा निवासी राजन राउत ने जसवार कुर्मी जाति को झारखंड राज्य के पिछड़े वर्गों की सूची (अनुसूची-एक ) में शामिल करने के लिए आयोग को आवेदन दिया था। उक्त प्राप्त अभ्यावेदन की जांच की गई। जांच के बाद आयोग के सदस्य ने जामताड़ा परिसदन में पदाधिकारी के साथ बैठक की। बैठक में पिछड़े वर्ग के हित में चलाई जा रही योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की गई। मौके पर धानुक व जसवार जाति के पुश्तैनी व वर्तमान संस्कृति के बारे में जानकारी ली।
मौके पर आयोग के सदस्य डॉ राजाराम महतो ने बताया कि जामताड़ा के जसवार कुर्मी समाज के प्रतिनिधियों ने आयोग में आवेदन देकर पिछड़ी जाति सूची वन में शामिल करने का दावा प्रस्तुत किया था। इसी संबंध में जांच करने के लिए संबंधित समाज के लोगों के बीच पहुंचे हैं। जांच के क्रम में जसवार कुर्मी जाति की जनसंख्या, सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक स्थिति व सरकारी या अर्द्धसरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व की क्या स्थिति की जानकारी ली गई। जांच प्रतिवेदन राज्य पिछड़ा आयोग को समर्पित किया जाएगा।
मौके पर डीआरडीए निदेशक रामवृक्ष महतो, अनुमंडल पदाधिकारी संजय पांडेय, कोषागार पदाधिकारी प्रधान मांझी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी पंकज कुमार तिवारी, जिला कल्याण पदाधिकारी उत्तम कुमार भगत, अंचल अधिकारी मनोज कुमार आदि पदाधिकारी शामिल थे।
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