मिहिजाम में लकड़बग्घा का आतंक, अचानक कई घरों से गायब हुए कुत्ते-बकरी; पैरों के निशान से फैली दहशत
मिहिजाम में लकड़बग्घे के डर से दहशत का माहौल है। कानगोई इलाके में लकड़बग्घा दिखने के बाद वन विभाग को सूचना दी गई। वन विभाग ने रात भर खोजबीन की पर लकड़बग्घा पकड़ में नहीं आया। पहले भी राजबाड़ी में लकड़बग्घा देखा गया था जिससे लोगों में डर है। वन विभाग ने रात में अकेले न निकलने और पटाखे रखने की सलाह दी है।

संवाद सहयोगी, मिहिजाम (जामताड़ा)। मिहिजाम में लकड़बग्घा का खौफ बढ़ता ही जा रहा है। रविवार देर रात कानगोई इलाके के 19 नंबर वार्ड में एक बार फिर रहस्यमयी लकड़बग्घा देखे जाने से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
स्थानीय निवासी ओंकार यादव, मनोज यादव और शिवा राय ने अपनी आंखों से इसे देखने का दावा किया। सूचना मिलने पर झामुमो नगर कार्यकारिणी सदस्य एवं बीपीएचओ झारखंड प्रदेश महासचिव कैलाश पंडित ने तुरंत मिहिजाम थाना प्रभारी विवेकानंद दुबे को फोन किया।
थाना प्रभारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जामताड़ा वन विभाग अधिकारी मृत्युंजय कुमार को खबर दी, जिसके बाद टीम आनन-फानन में मौके पर पहुंची और रातभर सर्च अभियान चलाया, लेकिन लकड़बग्घा पकड़ में नहीं आया।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले राजबाड़ी स्थित कचरापट्टी में भी लकड़बग्घा दिखा था। तभी से इलाके में लगातार डर का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि कई घरों के कुत्ते और बकरियां अचानक गायब हो गई हैं। खेतों में पैरों के निशान मिले हैं, जिन्हें देखकर लोग सहमे हुए हैं।
रात के समय अकेले न निकलें
वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि रात के समय अकेले न निकलें और यदि लकड़बग्घा नजर आए तो शोर मचाएं। टीम ने स्थानीयों को दिवाली जैसे पटाखे घर में रखने की सलाह दी है, ताकि खतरे के वक्त तेज आवाज कर जानवर को भगाया जा सके।
थाना प्रभारी विवेकानंद दुबे ने बताया कि लकड़बग्घे से सतर्क रहने कि जरूरत है। कुछ भी खतरा हो तो तुरंत सूचित करें, मिहिजाम प्रशासन हमेशा मिहिजामवासियों की सुरक्षा के लिए तत्पर है।
कैलाश पंडित ने कहा कि आबादी वाले क्षेत्र में बार-बार लकड़बग्घा का दिखना गंभीर चिंता का विषय है और वन विभाग को और सख्ती से अभियान चलाना चाहिए।
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