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दुमका सांसद ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखा पत्र, मुस्लिम बहुल स्कूलों में शुक्रवार अवकाश की शिकायत

दुमका सांसद ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखा पत्र मुस्लिम बहुल स्कूलों में शुक्रवार अवकाश की शिकायत

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jul 2022 04:02 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jul 2022 04:02 AM (IST)
दुमका सांसद ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखा पत्र, मुस्लिम बहुल स्कूलों में शुक्रवार अवकाश की शिकायत
दुमका सांसद ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखा पत्र, मुस्लिम बहुल स्कूलों में शुक्रवार अवकाश की शिकायत

दुमका सांसद ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखा पत्र, मुस्लिम बहुल स्कूलों में शुक्रवार अवकाश की शिकायत

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जागरण संवाददाता, जामताड़ा : दुमका के सांसद सुनील सोरेन ने रविवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिख जामताड़ा के 100 से अधिक मुस्लिम बहुल स्कूलों में शुक्रवार को स्थानीय लोगों की जोर जबरदस्ती से अवकाश करवाने की शिकायत की है। दुमका सांसद ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर जामताड़ा जिले के करमाटांड़ व नारायणपुर प्रखंड के गैर अधिसूचित उर्दू विद्यालयों में रविवार की जगह शुक्रवार को होनेवाली साप्ताहिक छुट्टी के मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया है। वहीं, गैर अधिसूचित उर्दू विद्यालयों के आगे नियमों को ताक पर रखकर उर्दू विद्यालय में परिवर्तित करने की कोशिश की गई है। सांसद ने अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि यह साजिश कुछेक वर्षों से हो रही है। इन विद्यालयों में अल्पसंख्यक छात्रों के अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा एवं सामान्य वर्ग के बच्चे भी अध्ययनरत हैं, जिनके मनोभाव पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इस कारण गैर अधिसूचित उर्दू विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के बीच एकरूपता कायम रखने के लिए साप्ताहिक छुट्टी की यह परंपरा बदलने की आवश्यकता है। जहां करमाटांड़ व नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत कई सरकारी विद्यालय में नियमों को ताक पर रखकर रविवार की जगह शुक्रवार को बच्चों को छुट्टी दी जा रही है।

कहा यहां चल रहा है तुष्टीकरण का खेल : उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पूरी तरह से सरकारी नियमों का उल्लंघन है। कुल मिलाकर यह तुष्टीकरण का खेल है। जिस पर अंकुश लगाना जरूरी है। पिछले दिनों यह मामला दैनिक जागरण समाचार पत्र के माध्यम से प्रकाश में आया है। खास बात यह है कि कई स्कूलों ने अपने नाम के आगे उर्दू शब्द भी जोड़ लिया है। इससे पता चलता है कि इनकी मंशा सही नहीं है। सांसद ने केंद्रीय मंत्री को आग्रह किया है कि आप कृपया झारखंड सरकार से इस संबंध में रिपोर्ट लें और ऐसा कृत्य करने वालों पर नियमानुसार त्वरित कार्रवाई करें।


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