शिव महापुराण सुनने से समस्त पापों का नाश
शिव महापुराण सुनने मात्र से होता समस्त पापों का नाश
शिव महापुराण सुनने से समस्त पापों का नाश
संवाद सूत्र, करमाटांड़ (जामताड़ा): करमाटांड़ में श्री श्री 1008 शिवशक्ति महायज्ञ के चौथे दिन अयोध्या से आए हुए दिव्य ज्योति शास्त्री ने शिव महापुराण की कथा प्रस्तुत की। शास्त्री जी ने कहा कि शिव महापुराण का कथा जीव के पूर्व जन्मों के समस्त पापों को दूर करके शिव कृपा का मार्ग प्रशस्त करता है। भगवान शिव की कथा से शरीर, वाणी, मन द्वारा किए गए पाप धूल जाते हैं। कलियुग में शिव कथा के समान कोई भी कल्याणकारी मार्ग सरल नहीं है।
शिव का अर्थ है कल्याण, शांति, अविनाशी और प्रकाशमान। शिव उपासक को सांसारिक बंधन बांधकर नहीं रख सकते। महादेव हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। शिव पूजन से समस्त देवताओं के पूजन का फल मिलता है। शिव पुराण भगवान शिव की वाणी है। सर्वप्रथम स्वयं भगवान शिव ने शिव कथा सनत कुमार जी को तथा सनत कुमार ने वेदव्यास जी को शिव पुराण का ज्ञान दिया था। व्यासजी ने सृष्टि के कल्याण के लिए विस्तार से इसका वर्णन किया। शिव पुराण की कथा मोक्ष देने वाली है जैसे की समस्त नदियों में गंगा जी सर्वोपरि है ऐसे समस्त पुराण में से शिव पुराण की कथा परम मंगलकारी है। कथा सुनने के लिए देर रात्रि तक दूरदराज से महिला व पुरुष भक्त यज्ञ स्थल पर उमड़ रहे हैं। वही समिति के लोग शांति व्यवस्था बनाए रखने को ले सुबह से ही जुड़े हुए रहते हैं। इस मौके पर समिति के श्यामसुंदर मंडल, राम रतन मंडल ,राम प्रसाद मंडल, मितेश साह, राजेंद्र मंडल पप्पू मंडल, बजन मंडल आदि समिति के दर्जनों सदस्य यज्ञ वयवस्था में जुटे हैं।
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