यूपी के प्रयागराज का शातिर बुआ के घर रहकर बना साइबर ठग, पांच गिरफ्तार
जामताड़ा पुलिस ने प्रयागराज के समीर को साइबर ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया। वह अपनी बुआ के घर रहकर ठगी सीखकर गैंग चला रहा था। आरोपी एसबीआई कार्ड बंद होने का झांसा देकर लोगों को ठगते थे। पुलिस ने 11 मोबाइल, 15 सिम, एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। असलम और तौसिब पहले भी साइबर अपराध में शामिल रहे हैं। ये बिहार, बंगाल और झारखंड के लोगों को निशाना बनाते थे।

प्रयागराज का शातिर बुआ के घर रहकर बना साइबर ठग
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस के हत्थे चढ़ा यूपी के प्रयागराज स्थित सराइनाइत थाना क्षेत्र के जैतपुर गांव (हनुमानगंज) का रहने वाला मो समीर अपनी बुआ के घर रहकर साइबर ठगी कर रहा था। समीर ने अपनी बुआ के घर करमाटांड़ थाना क्षेत्र के कुर्बा में रहकर साइबर ठगी का धंधा सीखा और धीरे-धीरे इसमें पारंगत हो गया।
उसने प्रयागराज में भी साइबर ठगों का एक गैंग बना रखा है और उनके मार्फत साइबर ठगी का धंधा करवा रहा। वह पिछले काफी समय से अपनी बुआ के घर पर ही रह रहा था। उसके साथ पुलिस की गिरफ्त में आया शातिर सिराज अंसारी व शाहबुद्दीन अंसारी नारायणपुर थाना क्षेत्र के तारासेठिया का रहनेवाला है। जबकि असलम अंसारी और तौसिब अंसारी करमाटांड़ थाना क्षेत्र के कुर्बा का रहने वाला है।
इस बात की जानकारी शुक्रवार देर शाम प्रेस कांफ्रेंस के दाैरान जामताड़ा एसपी राजकुमार मेहता ने दी। एसपी मेहता ने बताया कि ये शातिर लोगों को एसबीआई व अन्य बैंकों का डेबिट व क्रेडिट कार्ड बंद होने का झांसा देकर ठगी का शिकार बना रहे थे।
सभी नारायणपुर थाना क्षेत्र में पिपराटांड़ स्थित एक पत्थर खदान के पास सुनसान ठिकाने पर बैठकर साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। आरोपितों के पास से छापामारी के दौरान 11 मोबाइल, 15 सिम, चार एटीएम कार्ड, एक आधार, एक पैन व एक बाइक बरामद हुआ है। सभी आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।
असलम व तौसिब हैं पुराने शातिर साइबर ठग
पुलिस की जांच के दौरान पता चला है कि गिरफ्त में आया असलम अंसारी के खिलाफ चार जनवरी 2024 में जामताड़ा साइबर थाने में केस दर्ज हुआ है। जबकि तौसिब के खिलाफ 21 जनवरी 2025 को साइबर ठगी के मामले में देवघर साइबर थाने में केस दर्ज हो चुका है।
इन शातिरों के निशाने पर इन दिनों बिहार, पश्चिम बंगाल व झारखंड के लोग थे। आरोपितों ने अलग-अलग तरीकों से अब तक दर्जनों लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाया है।

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