मुस्लिम समाज में दहेज प्रथा पर रोक लगाने का आह्वान
करमाटांड़ (जामताड़ा ) करमाटांड़ प्रखंड के ताराबहाल गांव में मंगलवार देर शाम को अकी

करमाटांड़ (जामताड़ा ): करमाटांड़ प्रखंड के ताराबहाल गांव में मंगलवार देर शाम को अकीके कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए दूरदराज के मौलाना उपस्थित हुए। कार्यक्रम का प्रारंभ शायरी इस्लाम महबूब आलम, रफीक अंजुम, मुजाहिद रजा मजहर फिरोज अनवर मधुपुरी, मुख्तार परवाना, मौलाना कमरुद्दीन इमाम नूरी मस्जिद समेत दर्जनों लोग थे। सभी ने शिक्षा पर जोर दिया। दहेज प्रथा खत्म करने का आह्वान किया गया।
मुख्य वक्ता महबूब आलम ने बताया कि हमारे नबी ने हमें बताया कि हमें अपने पड़ोसियों पर ध्यान देना चाहिए। चाहे वह किसी भी मजहब का हो। यदि पड़ोसी भूखा है तो उसको खाना खिलाना चाहिए और किसी भी मुश्किल में हो तो उसकी परेशानी में साथ देना चाहिए। विवाह में फिजूल खर्च न करें। दहेज प्रथा पर रोक लगाएं। सब को साथ लेकर एक-दूसरे का सहयोग करें। इतना ही नहीं मुस्लिम समाज में शिक्षा के प्रति लोग विशेष रूप से ध्यान नहीं देते, इसलिए अपने-अपने परिवार के बच्चों को कम से कम बेहतर शिक्षा दें। अच्छी शिक्षा के परवरिश से ही समाज का बेहतर होगा। सभी को यह संदेश दिया गया कि मोहम्मद साहब के बताए हुए रास्ते पर चलें और घर-घर तक चाहे लड़का हो या लड़की शिक्षा का अलख जगाएं। अपने बच्चों को शिक्षित करें। शिक्षित समाज से ही सुसज्जित समाज का निर्माण संभव है। मौके पर इस समाजसेवी अलीम अंसारी, ईदु अंसारी, मनीर अंसारी, रमजान अंसारी, करीम अंसारी समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।
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