बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर भानु ने स्वास्थ्य मंत्री इरफान पर लगाया बड़ा आरोप, बोले-सिर्फ SIR से नहीं चलेगा काम, CAA और NRC भी जरूरी
Bhanu Pratap Shahi Slams Irfan Ansari: जामताड़ा में भानु ने स्वास्थ्य मंत्री इरफान पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा ...और पढ़ें

भानु प्रताप शाही और इरफान अंसारी। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। Jamtara News: झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा नेता भानु प्रताप शाही ने कहा है कि राज्य में केवल एसआइआर (SIR) से काम नहीं चलेगा, इसके लिए सीएए और एनआरसी भी आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसके लिए हर प्रक्रिया से गुजरने को तैयार है।
शाही ने बताया कि राज्य के पाकुड़ और साहिबगंज जिलों में वर्षों से जमाई टोला बसाकर रह रहे बांग्लादेशियों को खदेड़कर वापस भेजने का काम किया जाएगा। शाही शनिवार को जामताड़ा के भाजपा कार्यालय में आयोजित मंडल अध्यक्षों की चयन प्रक्रिया में शामिल होने पहुंचे थे।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देश के 12 राज्यों में कराए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) और झारखंड में इसकी तैयारी पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि अगर घर में एसआइआर करने बीएलओ आए तो उन्हें बांध कर सूचना दें। हालांकि, बाद में अंसारी ने अपने बयान से खुद को अलग कर लिया।
जामताड़ा के विधायक और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी तथा झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा नेता भानु प्रताप शाही के बीच इंटरनेट मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा है। जामताड़ा पहुंचे शाही ने स्थानीय विधायक और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि जब से डॉ. इरफान अंसारी स्वास्थ्य मंत्री बने हैं, बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का काम किया जा रहा है। शाही ने कहा कि केंद्र में बैठी सरकार सभी मामलों का लेखा-जोखा रख रही है और आने वाले समय में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए शाही ने कहा कि अपने 19 महीने के कार्यकाल में उन्होंने जामताड़ा को सदर अस्पताल देने का काम किया। लेकिन विभागीय कार्य शिथिल होने और स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात खराब होने पर दुख होता है।
शाही ने राज्य सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ममता बनर्जी की सरकार की तर्ज पर चल रही है। राज्य सरकार योजनाओं का नाम बदलकर कार्यों को रोक रही है। यह सरकार केंद्र से मिलने वाले फंड का उपयोग प्रमाणित नहीं कर पा रही है और केंद्र से पैसे न मिलने का आरोप लगा रही है।
उन्होंने कहा कि अबुआ आवास का कार्य आज तक जामताड़ा समेत पूरे प्रदेश में पूरा नहीं हुआ है। अबुआ आवास की अंतिम किस्त भी किसी लाभुक को नहीं मिली है। एक-एक विधानसभा क्षेत्र में 50 से 60 हजार महिलाओं को मुख्यमंत्री “मईयां सम्मान योजना” का लाभ चुनाव से पहले दिया जा रहा था, लेकिन बाद में इनके नामों की छंटनी कर दी गई।
शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री यह आरोप लगाते हैं कि केंद्र पैसा नहीं दे रही है, लेकिन नल-जल योजना का पैसा गबन करने वालों की आज ईडी और सीबीआई जांच कर रही है। केंद्रीय पैसों के उपयोग को साबित करने में राज्य सरकार असफल साबित हो रही है।

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