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    जागरूकता को कैंसर से बचाव का बनाएं हथियार

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 04 Feb 2021 07:03 PM (IST)

    कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। हालांकि शुरुआती दौर में इलाज सुनिश्चित होने से मरीज को ठीक किया जा सकता है।

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    जागरूकता को कैंसर से बचाव का बनाएं हथियार

    जामताड़ा : विश्व कैंसर दिवस पर गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल व राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से जामताड़ा महाविद्यालय परिसर में कैंसर जागरूकता परिचर्चा का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल में परिचर्चा के दौरान दंत चिकित्सक डॉ. अर्णव कुमार ने कहा कि कैंसर रोग के प्रति लोगों में जागरूकता जरूरी है।

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    उन्होंने कहा कि जानकारी नहीं होने के कारण लोग इस गंभीर बीमारी के चपेट में आ जाते हैं और समय पर इलाज सुनिश्चित नहीं होने के कारण रोगी की मौत हो जाती है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। हालांकि शुरुआती दौर में इलाज सुनिश्चित होने से मरीज को ठीक किया जा सकता है। उन्होंने सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि जैसे ही कैंसर का कोई लक्षण दिखे तो चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। जामताड़ा महाविद्यालय में प्रोफेसर महादेव चंद यादव ने छात्रों को कैंसर से बचाव की जानकारी दी। कहा कि शराब, सिगरेट, पान मसाले के सेवन से कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। युवाओं को इस तरह के नशे से बचना चाहिए। मौके पर राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी डॉ. काकोली, प्रो. कौशल कुमार, प्रो. अनमोल कुमार, प्रो. रिजवान, प्रो. नीलम कुजूर, प्रो. शब्बीर अंसारी, संजय कुमार आदि ने छात्रों से नशे से परहेज करने की अपील की।

    कैंसर मरीजों को सदैव दें खुशनुमा माहौल : डॉ. दास संवाद सहयोगी, मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को स्वास्थ्य जांच शिविर सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शिविर में चिकित्सक, कर्मी, आम लोगों ने स्वास्थ्य जांच कराई। डॉक्टर नित्यानंद चौधरी ने स्वास्थ्य जांच की। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अरविद कुमार दास ने लोगों को बचाव के प्रति जागरूक किया।

    उन्होंने कहा कैंसर एक किस्म की बीमारी नहीं होती, बल्कि इसके 100 से अधिक प्रकार होते हैं। अधिकतर कैंसर के नाम उस अंग या कोशिकाओं के नाम पर रखे गए हैं जिनमें वे शुरू होते हैं। यदि परिवार में किसी सदस्य को कैंसर है तो उसका विश्वास न डगमगाने दें बल्कि खुशी वाला वातावरण सदैव बनाए रखें। अलग-अलग कैंसर के अलग-अलग लक्षण होते हैं। यदि लगे कि रोगी की आवाज में बदलाव आ गया है अथवा बिना वजह वजन कम हो रहा है। छाती या अन्य कहीं पर गांठ हो, तो चिकित्सकीय परामर्श लेकर तुंरत उपचार आरंभ कर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि धूम्रपान, मदिरा, मोटापा, तनाव, व्यायाम की कमी, ज्यादा खाना, काला पीलिया, प्रदूषण कई प्रकार के कैंसर के कारण बनते है। लोगों को इससे बचाव के लिए प्रारंभ से ही ध्यान देना चाहिए। मौके पर मो. शमीम, फुरकान, विधान पत्रा, राजेंद्र हाड़ी, देवलाल पूजहर, तिलकी देवी आदि उपस्थित थे।

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