'सूर्या हांसदा का एनकाउंटर कर दबे-कुचलों की दबाई गई आवाज', अर्जुन मुंडा ने की सीबीआई जांच की मांग
जामताड़ा में पूर्व मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सूर्या हांसदा का एनकाउंटर दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सरकार से घटना की जांच कराने और जनता को सच्चाई बताने का आग्रह किया। मुंडा ने कहा कि सूर्या आदिवासियों के लिए आवाज उठाते थे और उनके खिलाफ कई झूठे मुकदमे थे। भाजपा ने घटना की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई है और सीबीआई जांच की मांग की है।
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। सूर्या हांसदा एक संघर्षशील और दबे कुचले सुदूर आदिवासी की आवाज थे। एनकाउंटर कहकर एक तरह से सूर्या प्रशासन का शिकार हुए हैं। प्रशासन ने एनकाउंटर कर दबे कुचलों की आवाज को दबा दिया।
इस तरह की घटना झारखंड राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मंडा ने जामताड़ा के पोसोई मोड़ में कही। वह सूर्या हांसदा के स्वजन से मिलने जाने के क्रम में कुछ देर के लिए जामताड़ा में रुके थे।
यहां उन्होंने इस घटना को लेकर कहा कि पूरे राज्य के आदिवासी राज्य के निर्माण के लिए जो सपने थे, उस पर इस घटना ने सवाल खड़ा कर दिया है। सूर्या के परिवार के साथ भाजपा खड़ी है। पार्टी परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रयास करेगी।
आगे अर्जुन मुंडा ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। सरकार को खुद इस पर पहल करनी चाहिए। जनता को यह बताना चाहिए कि एनकाउंटर सही है या फर्जी।
कई मुकदमे रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा चुनाव लड़कर लोकतांत्रिक तरीके से सेवा कर काम करते थे। बावजूद जिस तरह की घटना घटी उससे कई सवाल खड़े करते हैं। लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ने वाले के खिलाफ कई फर्जी मुकदमे भी दर्ज होते हैं।
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का जामताड़ा के पोसोई मोड़ पर भाजपा जिलाध्यक्ष सुमित शरण के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने स्वगत किया।
यहां उन्होंने कहा कि सूर्या झारखंड के खनिज संपदा को लूटने के विरोध में लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे। इससे उनके दुश्मनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही थी। लगातार क्षेत्र में हो रहे गलत कार्य का विरोध करना उनको भारी पड़ गया।
झारखंड में मूलवासी आदिवासियों का धर्म परिवर्तन बड़ी संख्या में कराया जा रहा है। उसके विरोध में सूर्या अपने आदिवासी समाज में जाकर धर्म के प्रति जागरूक कर रहे थे। धर्म विरोधियों के आंखों में वह खल रहे थे। वह लगभग 200 आदिवासी बच्चों की पढ़ाई, लिखाई, खाने का खर्चा खुद उठाते थे।
वह चार बार विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके थे। पुलिस प्रशासन द्वारा उनका एनकाउंटर किया जाना संदेह के घेरे में है। इसकी निष्पक्ष जांच बहुत जरूरी है। जनता का विश्वास पुलिस प्रशासन पर से पूरी तरह से उठ गया है। जनता को पारदर्शिता और न्याय चाहिए।
झारखंड सरकार ने इस घटना पर सीआईडी जांच के लिए कहा है, लेकिन सीआईडी भी राज्य सरकार का ही अंग है।इससे इसकी जांच सही ढंग से नहीं हो पाएगी। इसीलिए हमारी मांग है कि इस घटना की जांच सीबीआई से कराई जाए।
जांच के लिए भाजपा ने बनाई सात सदस्यीय कमेटी
वहीं, सुमित शरण ने कहा कि गोड्डा के सूर्या हांसदा की निर्मम हत्या पुलिस प्रशासन ने कर दी। पुलिस प्रशासन ने इसका नाम एनकाउंटर दे दिया। इससे पूरे प्रदेश में रोष देखा जा रहा है।इसकी जांच का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सात सदस्यीय टीम गठित की है।
इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, अमर बाउरी, भानु प्रताप शाही, पूर्व सांसद सुनील सोरेन, अमित मंडल, रणधीर सिंह व अनीता सोरेन हैं। मौके पर पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश राय, सुनील हांसदा, दुबराज मंडल, तरुण गुप्ता, सुकुमार सरखेल, प्रवीण मिश्रा, अबीता हांसदा, सुखेन्द्र टुडू, मनोज दे, रमेश राउत, डबलू मिश्रा आदि थे।
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