कोल को मिले आदिम जनजाति का दर्जा : रामगरीब
जामताड़ा, नगर संवाददाता : कोल को आदिम जनजाति का दर्जा व अन्य मांगों को ले 25 वां कोल महासम्मेलन गांधी मैदान में हुआ। महासम्मेलन में मध्यप्रदेश के विधायक राम गरीब कोल ने संपूर्ण देश में कोल जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग की। उद्योग लगाने के लिए अनुसूचित जनजाति की अधिगृहित भूमि लौटाने तथा अतिरिक्त भूमि आवंटन की मांग की। उन्होंने राजनीतिक दल पर कोल समाज की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया।
कोल जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित कर उनके लिए आर्थिक एवं शैक्षणिक स्तर उठाने के लिए विशेष पैकेज देने की भी मांग की। मौके पर पूर्व सांसद सूरज मंडल ने कहा कि झारखंड राज्य के निर्माण में छोटी-छोटी आदिवासी जनजातियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, लेकिन राज्य में आंदोलनकारियों को किनारे कर दिया गया है। राज्य में संताल, मुंडा, उरांव व हो के बाद कोल जाति का ही जनसंख्या के हिसाब से नंबर आता है। उन्होंने कहा कि आज सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन की बात की जा रही है। लोगों को यह कानून पंसद नहीं है। उन्हें कहना चाहता हूं जिस राज्य का कानून पसंद है। उस राज्य में वे जाने को स्वतंत्र हैं। प्राचीन आदिवासी कोल जनजाति कल्याण समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष उमानाथ कोल ने भी कोल जनजाति को आदिम जनजाति की दर्जा देने की मांग की। कोल जनजाति का ऋगवेद, सामवेद, अथर्ववेद, रामायण व महाभारत में उल्लेख है। पूर्वज वृत्ता कोल, महा कोल, भारत कोल, महेश कोल, बोंगा कोल, गया कोल, सिंघराय कोल, बिरसा मुंडा, बिंद राम कोल ने वीरगति प्राप्त कर देश व समाज के लिए अनेक कार्य किए। मौके पर मध्यप्रदेश से कांति कोल, रमेश रावत कोल, अखिल भारतीय आदिवासी, महासभा के उपाध्यक्ष सीआर बक्सी, महासचिव छत्रपति शाही मुंडा, अखिल भारतीय आदिवासी कोल सेवा संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष राम कोल, कोल जाति कल्याण समिति के विजय कोल, अनिल कोल, पशुपति कोल, छाया कोल, प्रभु कोल सहित काफी संख्या में कोल जाति के लोग उपस्थित थे। इससे पूर्व कोल समाज के लोगों ने एक रैली निकाली।
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