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Entertainment: युवा गायक अरुण देव बोले, बॉलीवुड में नाम बनाए रखना मुश्किल

जज मेंटल है फेम से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले जमशेदपुर में जन्मे अरुण देव यादव का मानना है कि बॉलीवुड में स्ट्रगल बहुत है। बिना गॉडफादर के पहचान बनाना बहुत मुश्किल।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 12:20 PM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 04:33 PM (IST)
Entertainment: युवा गायक अरुण देव बोले, बॉलीवुड में नाम बनाए रखना मुश्किल
Entertainment: युवा गायक अरुण देव बोले, बॉलीवुड में नाम बनाए रखना मुश्किल

जमशेदपुर, निर्मल।   बॉलीवुड में नाम बनाना और उसे बरकरार रखना बहुत मुश्किल है। हर इंसान इसमें लगा रहता है। लेकिन एक ब्रेक मिलने के बाद काम थोड़ा आसान हो जाता है। यह कहना है जज मेंटल है फेम से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले जमशेदपुर में जन्मे अरुण देव यादव का। 

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टेल्को चिन्मया स्कूल में पढ़े-बढ़े अरुण देव यादव, आज बॉलीवुड में किसी पहचान के मोहताज नहीं। अरुण विशेष तौर पर जमशेदपुर कार्निवाल के लिए शहर पहुंचे हैं। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में अरुण ने कहा कि बॉलीवुड में स्ट्रगल बहुत है। बिना गॉडफादर के पहचान बनाना बहुत मुश्किल। बकौल अरुण, फिलहाल मैं एक बड़े बजट पर काम कर रहा हूं लेकिन जब तक कुछ फाइनल नहीं हो जाता, कुछ नहीं बता सकता। लेकिन दो-तीन एल्बम पर काम चल रहा है। इसके अलावे मैं जमशेदपुर के कुछ स्थानीय कलाकारों के साथ क्षेत्रीय फिल्म में भी अपनी आवाज दे रहा हूं। 

फ‍िल्‍म फेयर अवार्ड का सपना

मालूम हो कि अरुण को 2016 में पहला ब्रेक टेनिस बडीज फिल्म के बढ़ता जा... गीत से मिला। अरुण का कहना है कि पहले मैं भी कई स्टूडियो का चक्कर लगाता था। लेकिन मेरी आवाज में कुछ नयापन था। इसलिए मेरी आवाज को पसंद किया गया। पांच भाइयों में चौथे नंबर के अरुण का सपना है कि उसे फिल्म फेयर अवार्ड मिले। अरुण के पिता भुवनेश्वर यादव, चिन्मया स्कूल से बतौर स्पोटर्स टीचर सेवानिवृत्त हुए जबकि मां कुसुम देवी गृहिणी है। 

जमशेदपुर है मेरा, लोहे सा हौसला, है टाटा ही सदा ...

 जमशेदपुर है मेरा, लोहे सा हौसला..., है टाटा ही सदा...। जैसे गीतों से जमशेदपुर कार्निवाल की सितारों से सजी अंतिम शाम बुलंदी पर रही। जमशेदपुर के 100वें स्थापना दिवस पर टाटा स्टील के इस ध्येय गीत (एंथम) को लौहनगरी में जन्मे और बॉलीवुड सिंगर अरुण देव ने गीत और स्वर दिया है। अपने इस गीत से अरुण ने मिट्टी से लोहा बनाने की कहानी को अपनी गीतों में पिरोया है। 

स्थानीय रॉक बैंड की प्रस्‍तुति

बिष्टुपुर के गोपाल मैदान में आयोजित कार्निवाल में अंतिम शाम की शुरुआत स्थानीय रॉक बैंड कलाकारों के इलेक्ट्रॉनिक म्युजिक धुनों से हुई। धुनों से यह बताने की कोशिश की गई कि अब जमशेदपुर के युवा भी किसी महानगर के युवाओं से पीछे नहीं है। इसके बाद बॉलीवुड सिंगर अरुण देव, लिटिल चैम्प फेम श्रद्धा दास, मनीषा और बलदेव सिंह के गीतों से सजी।

अरुण ने झुमने को किया मजबूर

इस दौरान अरुण ने बॉलीवुड की एक से बढ़कर एक गीत गाकर शहरवासियों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसमें फिल्म कबीर सिंह की बे ख्याली में तेरा ख्याल आया..., जन्म-जन्म साथ चलना..., रफीक की गुलाबी आंखें जो तेरी देखी..., जैसे फिल्मी गीतों से नए व पुराने गीतों की याद दिलाई। फिल्म वार में जय-जय शिव शंकर गाकर उन्हें माहौल को थोड़ा भक्तिमय भी किया। इस मौके पर उन्होंने बॉलीवुड में अपने गाए गाने जज मेंटल है क्या में पारा...पारा के अलावे ओम शांति ओम जैसी गीतों से अंतिम शाम को सजाया। इस दौरान अरुण देव शहरवासियों के बीच पहुंच कर उनके साथ गीत भी गाया। 


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