Yog: पाचन क्रिया व तनाव दूर करना है तो करें अनंत आसन, जानिए योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा से आसन के फायदे
Yoga अनंत आसन को नियमित करने से शरीर को कई तरह के लाभ होते हैं। इस संबंध में जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा बता रही हैं अनंत आसन करने के विधि व फायदे। साथ ही इसे करने कैसे करनें इसकी भी जानकारी दे रही हैं।

जमशेदपुर, जासं। अनंत आसन को विष्णु आसन के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें अनंत का अर्थ होता है, जिसका अंत न हो और आसन यानी योग की मुद्रा। यह आसन भगवान विष्णु के बायीं करवट पर लेटी हुई मुद्रा का प्रतीक है। इस आसन को अनंत आसन कहते हैं के कारण पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि पुराणों में भगवान विष्णु को अनंत भी कहा गया है। इसी कारण विष्णु आसन को अनंत आसन भी कहते हैं।
अनंत आसन से शरीर को कई फायदे
अनंत आसन को नियमित करने से शरीर को कई तरह के लाभ होते हैं। इस संबंध में जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा बता रही हैं अनंत आसन करने के विधि व फायदे। योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि इस योग करने से तनाव व पाचन क्रिया को ठीक तो करता ही है साथ में मांसपेशियों को मजबूत बनाने में काफी प्रभावी होता है। यह रक्त की आपूर्ति को बए़ाने के लिए प्रोस्टेट ग्रंथि, गोनाद और पैल्विक मांसपेशियों के कार्य को बढ़ावा भी देता है। रूमा शर्मा कहती हैं कि यदि अनंत आसन करने में किसी तरह की कोई कठिनाइ हो तो मोबाइल नंबर 9341366059 पर संपर्क कर सकते हैं।
अनंत या विष्णु आसन करने की विधि
सबसे पहले आसन बिछाकर उस पर बैठ जाएं
इसके बाद पीठ के बल लेट कर दाईं करवट लें
अब दाहिनी हथेली के सहारे सिर को उपर उठाएं।
ध्यान रहे कि कोहनी जमीन पर स्थिर रहे
बाएं हथेली को छाती के पास जमीन पर रखें, यदि आपसे हो सके तो पैरों को सीधा कर लें।
इसके बाद आपे बाएं पैर को उपर उठाएं और फिर धीरे-धीरे नीचे रखें।
ऐसा कम से कम तीन बार करें
फिर पैर को कुल्हे के जोड़ से वृत आकार में घुमाएं
इस प्रकार 5-6 बार एक दिशा में करें और इसके करने के बाद दूसरी दिशा में घुमाएं
फिर धीरे से पैर को नीचे ले आएं और थोड़ी देर आराम करें।
अब घूम कर बायीं करवट लें
अब इस प्रक्रिया को बायीं ओर भी दोहराएं
बाद में पीठ के बल लेट जाएं और आराम करें।
अनंत या विष्णु आसन के फायदे
अनंत या विष्णु आसन के नियमित अभ्यास से कूल्हे के जोड़ में खिचांव उत्पन्न होता है।
कमर दर्द वालों के लिए विष्णु आसन बहुत ही अच्छा होता है।
इस आसन को करने से रक्त संचार बढ़ता है।
इस आसन के नियमित अभ्यास से पाचन क्रिया अच्छी होती है।
हार्निया की समस्या में यह काफी लाभकारी होता है।
यह आसन पैर की मांसपेशियों को बहुत आराम देता है।
इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव को दूर किया जा सकता है।विष्णु आसन के पहले करने वाले आसन
अनंत आसन की सावधानियां
यदि रीढ़ की हड्डी या कमर से संबंधित कोई रोग है तो इस आसन को न करें।
पेट से संबंधित कोई भी रोग हो तो चिकित्सक या योग एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद ही करें।
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