जमशेदपुर : आज सबसे दुखद वियोग है, मानव का मानवता से दूर हो जाना। जितना ज्यादा लोग तरक्की कर रहे हैं, उतने ही ज्यादा मानवता की भावना से दूर होते जा रहे हैं। हाल ये है कि लोग दूसरों की मदद करना तो दूर की बात है, अपनों की मदद करने में भी कतराते हैं. ऐसे लोगों के दिलों में मानवता की भावना जगाने के लिए दुनिया भर में 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस मनाया जाता है.

जब 19 अगस्त, 2003 को बगदाद में संयुक्त राष्ट्र के हेडक्वार्टर पर आतंकवादी हमले में 22 लोग मारे गए थे. तब उनमें एक समाज सेवक सर्जियो विएरा डी मेलो भी शामिल थे, जो मानवता के लिए कार्य कर रहे थे। विश्व मानवता दिवस उन सभी लोगों को एक श्रद्धाजंलि है, जिन्होंने अपना जीवन मानवता के लिए समर्पित कर दिया। फौलादी सीना रखने वाले लौहनगरी में भी कई ऐसे व्यक्तित्व हैं जो पर्दे के पीछे रहकर बिना रुके, बिना झुके मानवता की सेवा कर रहे हैं....

मानव सेवा की अदभुत मिसाल पेश कर रहे गणेश राव

मानव जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु है, जिसे सभी जानते हैं, लेकिन स्वीकार नहीं करना चाहते। जब किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसका सम्मान सहित अंतिम संस्कार कराना सबसे पुण्य का काम माना जाता है। इतने सारे उदाहरण के बावजूद कोरोना काल में जब किसी की मृत्यु हो रही थी, तो स्वजन भी पास जाने से डर रहे थे। ऐसे समय में भुइयांडीह निवासी सी. गणेश राव ने सैकड़ों लोगों का अंतिम संस्कार कराकर मानव सेवा की अदभुत मिसाल पेश की थी।

कोरोना संक्रमितों का दाह संस्कार कराने के लिए रात-रात भर श्मशान घाट में निस्वार्थ डटे रहे। बैंक आफ इंडिया से 2012 में सेवानिवृत्त होने के बाद से गणेश स्वर्णरेखा बर्निंग घाट में सेवा दे रहे हैं। उन्हें समाजसेवा की प्रेरणा पारसी समाजसेवी मेहर माडेन से मिली, जो बैंक में भी उनके सहकर्मी थे। बिना कोई शुल्क लिए श्मशान घाट में सेवा देने की बात पर गणेश राव कहते हैं कि ईश्वर ने शायद मुझे इसी के लिए धरती पर भेजा है। मैं नहीं करता, तो कोई दूसरा करता।

चिंता इस बात की, ताकि कोई भूखा ना रहे

शहर में रोटी बैंक हर माह 50 हजार गरीबों-जरूरतमंदों को निश्शुल्क भोजन करा रहा है। यह काम रोटी बैंक चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन मनोज मिश्रा के नेतृत्व में सात वर्ष से अहर्निश चल रहा है। साकची स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज-अस्पताल परिसर में रोटी बैंक का भोजन शिविर हर दिन शाम को लगता है।

मनोज बताते हैं कि इसकी शुरुआत 15 जनवरी 2015 को साकची गोलचक्कर से हुई थी, जिसमें मात्र 10 लोगों को भोजन कराया गया था। अब रोटी बैंक द्वारा एमजीएम अस्पताल सहित मेहरबाई कैंसर अस्पताल में इलाज कराने वाले अत्यंत गरीब मरीजों एवं उनके परिजनों को हर दिन निश्शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। समय समय पर ग्रामीण क्षेत्र सहित रात्रि में रोटी बैंक के माध्यम से फुटपाथ पर सोने वालों को हर दिन भोजन पहुंचाया जा रहा है। सरकारी मदद के बगैर इस तरह की सुविधा देने वाला जमशेदपुर राज्य का पहला शहर बन गया है।

शतकवीर रक्तदाता रख रहे बुजुर्गों को चुस्त-दुरुस्त

कदमा के उलियान स्थित गोविंदनगर निवासी सुबीर कुंडू शतकवीर रक्तदाता के रूप में लोकप्रिय हैं। टाटा स्टील के सिंटर प्लांट से 2014 में सेवानिवृत्त हो चुके कुंडू अब तक 117 बार रक्तदान कर चुके हैं। अब वे बुजुर्गों के स्वास्थ्य का ख्याल रख रहे हैं। कुंडू बताते हैं कि कदमा में सेवाव्रती नील संघ के परिसर में हर रविवार को बुजुर्गों के लिए फिटनेस कैंप लगाते हैं।

वहां उन्हें विभिन्न बीमारियों से दूर रखने के लिए योग-आसन और खानपान का तरीका बताया जाता है। ब्लड प्रेशर व शुगर आदि की जांच की जाती है। सबसे बड़ी बात कि पूरी सेवा निश्शुल्क होती है। वैसे यूट्यूब पर जमशेदपुर फिटनेस कैंप भी चलाता हूं, जिससे बाकी दिनों में भी बुजुर्ग स्वस्थ रहने के टिप्स लेते हैं। मेरी पत्नी भी 12 बार रक्तदान कर चुकी हैं, तो पुत्र-पुत्री भी रक्तदान करते हैं।पूरबी घोष : हर तरह के सामाजिक कार्यो में रहती है आगे

कोई छात्र फीस के अभाव में नहीं पढ़ पा रहा है, कोई संस्था कुछ मानवता का कार्य कर रही है, सामाजिक कार्यक्रमों में प्रोत्साहन की बात हो तो पूरबी घोष सबसे आगे रहती है। पूरबी घोष वर्तमान में लायंस क्लब की क्षेत्रीय चेयरपर्सन व जमशेदपुर बीमा कर्मचारी संघ की अध्यक्ष है। वह सालाना लगभग एक लाख रुपया खासकर छात्रों के प्रोत्साहन एवं अन्य मानवता सेवा में खर्च करती है। सिर्फ यही नहीं सशरीर भागीदारी भी निभाते हैं। वह यह कार्य सेवा भाव से करती है। बंगाली समाज की होने के कारण अपनी संस्कृति की रक्षा करने में भी वह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर भाग लेती है।

अरविंद तिवारी : वेतन का 30 प्रतिशत शिक्षा में करते हैं खर्च

पोटका प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय टांगराईन के प्रधानाध्यापक अरविंद तिवारी एक ऐसे शिक्षक हैं जो अपने वेतन का 30 प्रतिशत विद्यालय विकास एवं बच्चों की शिक्षा में खर्च करते हैं। वे अपने निजी खर्च से बच्चों के लिए कई तरह के कार्यक्रम करवाते हैं। जरूरत पड़ने पर बच्चों को फिल्म दिखाते हैं। शहरी क्षेत्र के स्कूलों में शैक्षणिक भ्रमण भी करवाते हैं। शहर से कई विशेषज्ञ को अपने स्कूल में बुलाते हैं तथा कई टापिक पर कार्यशाला का भी आयोजन करवाते हैं। वे ग्रामीणों को राष्ट्रीय हित में कार्य करने के लिए भी जागरुक करते हैं।

घर-घर राशन पहुंचा रहा मानगो का ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट

सामाजिक संस्था ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट एक ऐसी संस्था है, जो शहर में अपने सामाजिक कार्यों के लिए अलग पहचान बनाई है। कोरोना काल में जनता की सेवा से लेकर लोगों को जागरूक करने का काम किया। लाकडाउन में लोग अपने घरों में बंद थे, वैसे लोगों के बीच संस्था ने भोजन और राशन पहुंचाया। ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से ठंड के समय असहाय लोगों के बीच कंबल का वितरण, ऐसे मरीज जिनके पास इलाज के पैसे नहीं थे, संस्था के सदस्यों द्वारा आर्टिफिशियल पैर व दवा से सहायता किया।

बीते आठ माह से एमजीएम अस्पताल में (बुधवार व शनिवार) को जरूरतमंदों के बीच खाना व नाश्ता का वितरण कर रही है। संस्था के सदस्य-संरक्षक आसिफ महमूद, डा. मो. जकरिया, डा. निधि श्रीवास्तव, मंजर अमीन, सामू खान, अनिल मंडल, इलियास खान, डा. अब्दुल वाहिद खान, इत्तेशामुर रहमान, आज़ाद अंसारी शामिल हैं। कमेटी में अध्यक्ष मतिनुलहक अंसारी, सचिव मुख्तार आलम खान, कोषाध्यक्ष मो. अयूब अली, सैय्यद आसिफ अख्तर, अजीज हसनैन, शाहिद परवेज, मासूम खान, खुर्शीद अहमद खान, मोइनुद्दीन अंसारी, हुजैफा आलम, ताहिर हुसैन, खुर्शीद अहमद शामिल हैं।

Edited By: Jitendra Singh