टाटा कंपनी में नाइट शिफ्ट भी कर पाएंगी महिला कर्मचारी, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी; लेकिन शर्त भी है
राष्ट्रपति के आदेश के बाद जमशेदपुर में टाटा स्टील और टाटा मोटर्स में महिला कर्मचारियों के रात्रि पाली में काम करने का रास्ता खुल गया है। कंपनियों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी और उनकी सहमति लेनी होगी। यूनियन नेताओं ने इस कदम का स्वागत किया है लेकिन सुरक्षा और सुविधाओं पर जोर दिया है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। राष्ट्रपति के आदेश के बाद टाटा स्टील और टाटा मोटर्स में जल्द ही महिला कर्मचारी रात्रि पाली में काम करते हुए नजर आएंगी। टाटा स्टील में लगभग 2000 जबकि टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में 1000 से अधिक महिला कर्मचारी कार्यरत हैं।
राष्ट्रपति द्वारा दिए गए आदेश के तहत महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और उनके संरक्षा की पूरी जिम्मेदारी संबधित कंपनी प्रबंधन की होगी। साथ ही जिन महिला कर्मचारियों से नाइट शिफ्ट ड्यूटी में काम कराया जाएगा, उनकी सहमति भी अनिवार्य है।
बिना महिला कर्मचारियों की सहमति के उन्हें रात्रि पाली में काम नहीं कराया जा सकता है। टाटा स्टील प्रबंधन द्वारा सभी महिला कर्मचारियों से इसके लिए सहमति ली जा रही है। वर्तमान में टाटा स्टील के अलग-अलग लोकेशन में महिला कर्मचारियों से एक शिफ्ट (सुबह छह से दोपहर दो बजे तक), जनरल शिफ्ट (सुबह आठ से शाम पांच बजे तक) और बी शिफ्ट (दोपहर दो से रात 10 बजे तक) ड्यूटी कराई जा रही है।
टाटा मोटर्स में दुर्गा लाइन में महिला कर्मचारी हैं कार्यरत
टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में दुर्गा लाइन संचालित हैं, जो पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा ही संचालित है। इस लाइन में महिला कर्मचारी ए शिफ्ट में (सुबह छह से दोपहर दो बजे तक) और जनरल शिफ्ट (सुबह आठ से दोपहर शाम पांच बजे तक) कार्यरत हैं। कंपनी में अब तक बी शिफ्ट ड्यूटी में महिला कर्मचारियों से काम नहीं लिया जा रहा है।
बहुत बढ़िया निर्णय है और हम इसका स्वागत करते हैं। इससे महिला कर्मचारियों को पुरुषों की तरह समान अवसर मिलेगा लेकिन राज्य सरकार से लेकर कंपनी प्रबंधन की यह जिम्मेदारी होगी कि वह ड्यूटी आने-जाने के दौरान उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दें। -राकेश्वर पांडेय, अध्यक्ष, टाटा स्टील समूह कर्मचारी यूनियन
स्वागयोग्य कदम है लेकिन महिला सुरक्षा व मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करना और इसकी मानिटरिंग करने की जिम्मेदारी प्रबंधन के साथ यूनियन की भी होगी। -संजीव कुमार चौधरी, अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन
नीतिगत रूप सरकार की अच्छी पहल है साथ ही इसे क्रियान्वित करने से पहले महिला कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए बहुत सारे कदम उठाने होंगे। -शशिभूषण प्रसाद, अध्यक्ष, टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन
राष्ट्रपति से नियमावली में संशोधन के लिए मंजूरी दी गई है, जल्द ही सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद यह पूरे राज्य में प्रभावी होगा। -मनीष कुमार सिन्हा, मुख्य कारखाना निरीक्षक
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