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    अखिलेश-सुधीर गिरोह के जेल में संभावित टकराव को लेकर सतर्कता Jamshedpur News

    By Vikas SrivastavaEdited By:
    Updated: Tue, 05 May 2020 08:26 PM (IST)

    पूर्व में हो चुकी घटनाओं को देखते हुए जेल प्रशासन सतर्क गैंगवार में ही परमजीत सिंह की जेल में कर दी गई थी हत्या।

    अखिलेश-सुधीर गिरोह के जेल में संभावित टकराव को लेकर सतर्कता Jamshedpur News

    जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। सीतारामडेरा के भुइंयाडीह में अखिलेश सिंह और सुधीर दुबे गिरोह के बीच 29 अप्रैल को हुए गैँगवार के बाद पुलिस ने भले ही त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों गिरोह से जुड़े करीब एक दर्जन से अधिक गुर्गो को गिरफ्तार कर जेल पहुंचा दिया, लेकिन दोनों गुट के बीच खाई इतनी बढ़ गई कि अब पटने वाली नही है।

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    पहली बार जेल में आमने-सामने होंगे दोनों गुट 

    पहली बार जेल में दोनों गुट आमने-सामने होंगे जो जेल प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित होगा, हालांकि पूर्व की वारदात को लेकर जेल पदाधिकारी सतर्क है। मानगो गुरूद्वारा रोड निवासी परमजीत सिंह गैंगस्टर अखिलेश सिंह का करीबी हुआ करता था। उसके साथ मिलकर ही अखिलेश सिंह ने झारखंड, बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक गैंग खड़ा किया था। रूपये के लेन-देन और गिरोह में वन मैन शो अखिलेश सिंह होने के कारण परमजीत सिंह अपने साथियों को लेकर गिरोह से अलग हो गया। समांतर गैंग बनाने की कवायद की। सबक सिखाने का प्रयास किया।

    परमजीत के अलग होने के बाद शुरू हो गया टकराव

    परमजीत सिंह अपने साथियों के साथ अखिलेश गिरोह से अलग होने के बाद ही गिरोह के बीच टकराव होने लगा। पुलिस ने परमजीत सिंह और उसके गुर्गो समेत अखिलेश सिंह के गुर्गो को भी जेल भेज दिया। परमजीत सिंह की हत्या 20 मार्च 2008 को अखिलेश सिंह के गुर्गो ने कर दी। प्रतिशोध में परमजीत के गुर्गो ने भी अखिलेश सिंह के गुर्गे को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद परमजीत के कई साथी मारे गए। बदले को अखिलेश सिंह के पिता के घर पर भी फायरिंग  की गई थी। 2017 में भी चंद्रगुप्त सिंह पर भी निशाना साधा गया था, लेकिन वे बच गए थे।

    एक बार फिर बढ़ी टकराव की आशंका

    वर्तमान में यही हालात सामने हैं। अखिलेश सिंह गिरोह से अलग होकर सुधीर दुबे ने शहर में बड़ा गैंग तैयार कर लिया है। अधिकांश बिहार के बक्सर जिले के ढकाइच, सिविल लाइन इलाके के रहने वाले है। अखिलेश सिंह भी बक्सर के डुमरांव नगवा धनंजयपुर का मूल निवासी है। उसके भी गुर्गे वहीं के हैं। सुधीर दुबे ने कन्हैया सिंह समेत सात गुर्गो पर फायरिंग करवा गिरोह की सक्रियता दिखा दी है।

    अखिलेश के विरोध में खड़े होने पर शहर के वैसे सफेदपोश जो गिरोह से दहशत में रहते थे, वे सभी हथियार ओर रूपये से सुधीर दुबे और कल्लू राय को सहयोग करने लगे है। दुमका जेल में होने के कारण कुछ करीबी गुर्गे ही अखिलेश सिह के साथ रह गए है। इनमें कन्हैया सिंह भी एक है। अखिलेश सिंह को सीधे चुनौती देने को सुधीर दुबे ने कन्हैया सिंह  को टारगेट किया, लेकिन संयोगवश वह बच गया। जेल में दोनों गुट पहुंच गए। ऐसे में टकराव लाजिमी है। पृष्ठभूमि भी तैयार है। जेल में अभी अखिलेश सिंह गिरोह के गुर्गे बलवीर सिंह समेत अन्य बंद है।