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    Independence Day 2025: सशक्त हो रहीं महिलाएं, सीख रही कराटे और ताइक्वांडो; बाल विवाह रुकवाकर दिलाया बराबरी का हक

    By Ch Rao Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 11 Aug 2025 01:37 PM (IST)

    जमशेदपुर में वर्णाली चक्रवर्ती यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन की सचिव पोटका प्रखंड में लड़कियों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने बाल विवाह रोकने शिक्षा को बढ़ावा देने और लैंगिक भेदभाव को खत्म करने की पहल की। उनके प्रयासों से क्षेत्र की लड़कियां सशक्त हो रही हैं और शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। वे महिलाओं को जागरूक कर रही हैं।

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    स्वतंत्रता के सारथी, समता का अधिकार : जहां उम्मीदें टूटती थीं, वहां सपनों को उड़ान दे रही यह महिला। जागरण

    वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर। समाज में आज भी ऐसे लोग हैं जो भेदभाव की शिकार लड़कियों के समान अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं 50 वर्षीय वर्णाली चक्रवर्ती। वह सामाजिक संस्था यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन यानी 'युवा' की सचिव हैं।

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    उन्होंने इस संस्था की स्थापना वर्ष 1997 में की थी। उन्होंने पोटका प्रखंड को अपना कार्यक्षेत्र चुना। उस समय पोटका प्रखंड के टांगराईन, जोजोडीह, सिदिरसाई, ढेंगाम, करदकोचा, पारसीगाजाड़ जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में लड़कियों के अधिकारों का हनन हो रहा था।

    लड़कियों की कम उम्र में ही शादी कर दी जाती थी। लड़कियों को पांचवीं कक्षा के बाद स्कूल नहीं भेजा जाता था। इसी वजह से उन्होंने लड़कियों को समान अधिकार दिलाने और लैंगिक भेदभाव को खत्म करने की पहल शुरू की। शुरुआती दौर में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

    वंचित लड़कियों को इकट्ठा करने में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन अब स्थिति ऐसी नहीं है। उन्होंने इस क्षेत्र की लड़कियों को एकजुट और जागरूक कर उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया। इससे क्षेत्र में बाल विवाह रुका और लड़कियां अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हुईं।

    वर्णाली के प्रयासों से यहां सैकड़ों लड़कियां शिक्षा प्राप्त कर पा रही हैं और लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए उन्होंने इन लड़कियों में नेतृत्व क्षमता को उजागर किया।

    वर्णाली की टीम में शामिल ऐसी लड़कियां अब क्षेत्र में बाल विवाह और बाल श्रम का विरोध करती हैं और स्वयं ग्रामीणों को शिक्षा के प्रति जागरूक करती रहती हैं। अब तक वर्णाली प्रशासन और इन लड़कियों की मदद से 100 से ज़्यादा लड़कियों की शादी रुकवाई जा चुकी है।

    क्षेत्र की लड़कियां हो रही सशक्त

    लैंगिक भेदभाव समाप्त होने के बाद, पोटका क्षेत्र की लड़कियां अब स्वयं सशक्त हो रही हैं। वे 'युवा' संस्था के माध्यम से कराटे और ताइक्वांडो के गुर सीख रही हैं। इसके साथ ही, वे लड़कियों को विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए तैयार कर रही हैं।

    युवा द्वारा तैयार पोटका प्रखंड की लड़कियों की टीम पूर्वी सिंहभूम जिले की सबसे मजबूत फुटबॉल टीम बनकर उभरी है और इस टीम को राज्य स्तर पर मान्यता भी मिली है। यहां की लड़कियां वर्णाली चक्रवर्ती को दीदी कहकर बुलाती हैं।

    महिलाएं बन रही संवेदनशील और जागरूक

    'युवा' की सचिव क्षेत्र की महिलाओं को संवेदनशील और जागरूक बना रही हैं, ताकि वे अपनी लड़ाई खुद लड़ सकें। वह इसमें सफल भी हो रही हैं।

    वह पितृसत्ता के विरुद्ध महिलाओं की समानता के लिए लड़कियों को प्रशिक्षित भी कर रही हैं। वह पिछले पांच वर्षों से बाल विवाह के विरुद्ध अभियान चला रही हैं।

    इसी के चलते पोटका प्रखंड में लोग बाल विवाह से भयभीत हैं। वह लैंगिक समानता की मुखर आवाज बनकर उभरी हैं।

    झारखंड में पीड़ित महिलाओं के लिए स्थापित वन स्टॉप सेंटर में सुविधाएं बढ़ाने के लिए वह लगातार पैरवी कर रही हैं।

    इसके साथ ही, वह आदिम जनजाति की सबर लड़कियों के बीच भी काम कर रही हैं। वह वर्तमान में महिला प्रकोष्ठ और किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य भी हैं।