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    UPSC Result 2022: पिता चलाते हैं स्कूली वैन, बेटे ने यूपीएससी में किया कमाल, जानिए सुमित कुमार ठाकुर ने कैसे तय किया यहां तक का सफर

    By Madhukar KumarEdited By:
    Updated: Mon, 30 May 2022 05:10 PM (IST)

    UPSC Result 2022 सुमित की प्रारंभिक से लेकर दसवीं तक की शिक्षा रामकृष्ण मिशन बिष्टुपुर से हुई है। इसके बाद उन्होंने राजेंद्र विद्यालय से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। जेइइ मेन के आधार पर उन्हें बीआइटी सिंदरी धनबाद में दाखिला किया।

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    UPSC Result 2022: पढ़े सुमित कुमार ठाकुर के संघर्ष की कहानी।

    जमशेदपुर, जासं। यूपीएससी द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में सरायकेला-खरसावां जिला के आदित्यपुर के रोड नंबर तीन निवासी सुमित कमार ठाकुर को यूपीएससी में 263वां रैंक मिला। सुमित को उम्मीद है कि उसे इडब्ल्यूएस केटेगरी का लाभ मिलेगा। उसे आइएएस संवर्ग मिलेगा। सुमित के पिता विजय कुमार ठाकुर स्कूली वैन चालक है। बमुश्किल से उन्हें 10-11 हजार रुपया महीना मिलता है। पहले इसी से उनका घर बार चलता था। सुमित ने बताया कि यह सफलता तीसरी बार के प्रयास में मिली। पहली बाद वर्ष 2019 में भी यूपीएससी की परीक्षा दी थी। इसी दौरान वे इंटरव्यू तक पहुंच गए थे। मात्र तीन अंक से वे चूक गए थे। इसके बाद कोविड के कारण परीक्षा नहीं हो पाई। इसके बाद 2021 में इसके लिए फिर से तैयारी की और अंतत: इसमें वे कामयाब हो गए।

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    रामकृष्ण मिशन बिष्टुपुर से दसवीं तक पढ़ा

    सुमित की प्रारंभिक से लेकर दसवीं तक की शिक्षा रामकृष्ण मिशन बिष्टुपुर से हुई है। इसके बाद उन्होंने राजेंद्र विद्यालय से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। जेइइ मेन के आधार पर उन्हें बीआइटी सिंदरी धनबाद में दाखिला किया। वहां उन्होंने 2014-18 बैच में कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लिया और अपना कोर्स पूरा किया। इस दौरान उनका यामाहा, टीसीएस व मैकलाइन का आफर भी ठुकराया। उन्होंने अपनी एक स्टार्टअप कंपनी पैतव्य प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी शुरू की है, जो सॉफ्टवेयर डेवलपर का कार्य करती है। इस कंपनी की ओर से कोविड काल में कई एप बनाए गए हैं।

    सुमित की कामयाबी से परिवार खुश

    सुमित की इस कामयाबी से उनका परिवार काफी खुश है। परिवार का कहना है कि सुमित शुरु से ही पढ़ने में ठीक था, वो काफी मेहनत भी करता था, उसकी मेहनत का ही नतीजा है, कि आज उसे इतनी बड़ी सफलता मिली है। गौरतलब है, कि सुमित ने ना सिर्फ परिवार, और जिला बल्कि पूरे राज्य का नाम रौशन किया है।