Entertainment : रुपहले पर्दे पर छाने लगे आदिवासी हो कलाकार Jamshedpur News
एल्बम और शॉर्ट फिल्मों के माध्यम से आदिवासी हो समाज के युवा अपनी कला का लोहा मनवा रहे हैं। युवा कलाकारों को मंच देने के लिए ऑल इंडिया हो फिल्म एसोसिएशन का भी गठन हुआ है।
जमशेदपुर, दिलीप कुमार। Tribal Ho artist in the Entertainment world अभिव्यक्ति के सबसे सशक्त माध्यम में आदिवासी 'हो' समाज भी अपनी भागीदारी निभा रहा है। रुपहले पर्दे पर हाशिए पर रहने वाले आदिवासी अब अपनी अभिनय की छाप के जरिये फिल्मों की दुनिया में छाने लगे हैं, इसमें आदिवासी हो समाज के युवा भी पीछे नहीं हैं।
एल्बम और शॉर्ट फिल्मों के माध्यम से आदिवासी हो समाज के युवा रुपहले पर्दे पर अपनी कला का लोहा मनवा रहे हैं। युवा कलाकारों को मंच देने के लिए ऑल इंडिया हो फिल्म एसोसिएशन का भी गठन किया गया है। इसके माध्यम से कलाकारों का उत्साह बढ़ाने के लिए लौहनगरी में एक फरवरी को पहली बार 'नेशनल हो शॉर्ट फिल्म एंड एल्बम फेस्टिवल' होने जा रहा है। इस अवसर पर कलाकार रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश करेंगे। हो फिल्म एवं एल्बम में नई पीढ़ी का क्रेज बढ़ता जा रहा है।
इन कैटेगरी में दिया जाएगा पुरस्कार
पहली बार आयोजित होने वाले 'नेशनल हो शॉर्ट फिल्म एंड एल्बम फेस्टिवल' में जिन कैटेगरी में पुरुस्कार दिए जाएंगे, उनमें बेस्ट फिल्म, बेस्ट स्टोरी, बेस्ट एक्टर, बेस्ट एक्ट्रेस, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट कैमरामैन, बेस्ट एडिटर, बेस्ट सपोर्टिंग मेल-फीमेल और बेस्ट ज्यूरी शामिल है। वहीं 'हो' म्यूजिक एल्बम में बेस्ट म्यूजिक एल्बम, बेस्ट एक्टर, बेस्ट एक्ट्रेस, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट लिरिक्स, बेस्ट मेल सिंगर, बेस्ट फीमेल सिंगर, बेस्ट कॉरियोग्राफर, बेस्ट कैमरामैन और बेस्ट एडिटर शामिल हैं।
एमबीए के बाद अभिनय कर रही मंजरी
एमबीए एचआर मार्केटिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद मंजरी सिंकू हो फिल्मों में अपने अभिनय कर रही हैं। पहले लोग हंसते थे। अब अपने अभिनय से मंजरी ने उन्हीं लोगों को अपना फैन बना लिया है। हो फिल्म इंडस्ट्री में अभी तक वो 50 से अधिक एल्बम में अभिनय किया है। एक संथाली फिल्म की शूटिंग जारी है।
कई अवार्ड अपने नाम कर चुकी हैं पुष्पा
स्नातक अंतिम वर्ष की छात्रा पुष्पा सवैंया अपने अभिनय के जरिये कई अवार्ड अपने नाम कर चुकी हैं। बचपन में ही माता-पिता के निधन हो जाने के बाद सामाजिक संगठनों ने उनका साथ दिया। सामाजिक कार्यक्रमों में उनका नृत्य और अभिनय देखकर निर्माता-निर्देशकों ने उन्हें पहले सहायक कलाकार के रूप में मौका दिया। अभिनय क्षमता के बल पर पुष्पा मुख्य रोल में आ गई और फिर पीछे मुड़ कर नही देखा।
रुपहले पर्दे पर छा गए राजूराज
गरीब किसान परिवार से निकलकर फिल्मों के रुपहले पर्दे पर छाने वाले राजूराज बिरुली अब पहचान के मोहताज नहीं हैं। पश्चिम सिंहभूम के सेरेंगबिल के रहने वाले राजूराज बिरुली को शुरुआती दौर में मुश्किल से काम मिलता था। अपनी सशक्त अभिनय के चलते वे इस रास्ते मुकाम हासिल करते गए और फिल्मों की रंगीन दुनिया में छा गए। अपने 19 साल के फिल्मी सफर में राजूराज ने 70 से अधिक एल्बम और 15 फिल्मों में काम किया है।
17 एल्बम और नौ शॉर्ट फिल्मों का होगा प्रदर्शन
प्रथम नेशनल 'हो' शॉर्ट फिल्म एंड एल्बम फेस्टिवल के आयोजन को लेकर गुरुवार को ऑल इंडिया हो फिल्म एसोसिएशन की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष सुरा बिरुली ने कहा कि फेस्टिवल का आयोजन पहली फरवरी को सिदगोड़ा स्थित बिरसा मुंडा टाउन हॉल होगा। इसमें आदिवासी हो भाषा की देश भर से 17 वीडियो एल्बम और नौ शॉर्ट फिल्मों का प्रदर्शन होगा। फिल्म फेस्टिवल के लिए 25 और 26 जनवरी को सोनारी स्थित ट्राइबल कल्चरल सेंटर में वीडियो एल्बम और शॉर्ट फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी। बैठक में दुगाई कुंकल, डेविड सिंह बानरा, अजय बिरुली, निकिता सोय, सीता हेम्ब्रम, सेलाय पूर्ति, दुर्गाचरण बारी, मार्शल हो, रायसिंह बिरूवा, ब्लास्टर केराई आदि मौजूद थे।