टाटानगर रेलवे स्टेशन पर मेमू ट्रेनों के पहिए थमे, यात्रियों की सांसें अटकीं; 32 लोकल ट्रेनें कैंसिल
टाटानगर स्टेशन पर मेमू ट्रेनों के रद होने से यात्रियों को भारी परेशानी हुई। लोको पायलटों की कमी के कारण रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया, जिससे दैनिक यात्रियों, मजदूरों और छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई यात्री घर लौटने के लिए परेशान थे, जबकि कुछ छात्रों को परीक्षा छूटने का डर था। रेलवे की इस कार्रवाई से ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क भी टूट गया।

टाटानगर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 3
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटानगर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर लगी घड़ी की सुइयां तो अपनी रफ्तार से चल रही थीं, लेकिन हजारों यात्रियों का वक्त जैसे थम सा गया था। पटरियों पर बिछी खामोशी किसी अनकही वेदना-सी प्रतीत हो रही थी। जैसे सूखी नदी बादलों की राह ताकती है, ठीक वैसे ही यात्रियों की पथराई आंखें उस सिग्नल के हरे होने का इंतजार कर रही थीं, जो आज लाल ही रहने वाला था।
मंगलवार की सुबह टाटानगर स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ तो थी, लेकिन उस भीड़ में एक अजीब सी बेचैनी थी। मेमू ट्रेनों के अचानक रद होने की खबर किसी वज्रपात की तरह टूटी, जिसने दैनिक यात्रियों के चेहरों पर मायूसी की लकीरें खींच दीं।
स्टेशन पर न ट्रेन की सीटी की गूंज थी, न अपनों से मिलने की खुशी। था तो बस एक लंबा और थका देने वाला इंतजार।
दरअसल, चक्रधरपुर रेल मंडल में लोको पायलटों की कमी और बुधवार को होने वाली चीफ लोको इंस्पेक्टर (सीएलआइ) की परीक्षा के चलते रेलवे ने टाटानगर से खुलने और गुजरने वाली कई महत्वपूर्ण मेमू और पैसेंजर ट्रेनों को रद कर दिया है। यह परेशानी सिर्फ आज की नहीं, बल्कि अगले दो दिनों तक ऐसे ही बनी रहेगी।
इंतजार का दर्द और यात्रियों की बेबसी
स्टेशन परिसर में बैठे रमेश किस्कू अपने थैले को सीने से लगाए शून्य में ताक रहे थे। चाईबासा जाने के लिए सुबह से बैठे रमेश कहते हैं, साहब, हम तो रोज कमाने-खाने वाले लोग हैं। ट्रेन नहीं चली तो दिहाड़ी गई। अब बस से जाने के पैसे भी नहीं हैं, घर कैसे लौटेंगे, यही चिंता खाए जा रही है।
वहीं, कॉलेज जाने के लिए स्टेशन पहुंची छात्रा सुनिधि कुमारी की आंखों में गुस्सा और बेबसी दोनों साफ झलक रहे थे। उन्होंने कहा, परीक्षा सिर पर है और आए दिन ट्रेनें रद हो जाती हैं। बिना पूर्व सूचना के ऐसा करना हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है। अब क्लास तो छूटी ही, मानसिक तनाव अलग मिला।
परीक्षा बनी परेशानी का सबब
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, चक्रधरपुर रेल मंडल में लोको पायलटों की भारी कमी है। 26 नवंबर को विभागीय परीक्षा (सीएलआइ परीक्षा) होनी है, जिसमें बड़ी संख्या में लोको पायलट शामिल होंगे।
मैनपावर की इसी कमी को देखते हुए रेलवे ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को सुचारू रखने के लिए मेमू और पैसेंजर ट्रेनों की बलि दे दी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के गृह क्षेत्र बादामपहाड़ और रायरंगपुर जाने वाली ट्रेनें भी रद होने से ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क शहर से पूरी तरह कट गया है।
बुधवार को रद रहने वाली ट्रेनें:
- टाटानगर-बादामपहाड़ मेमू (सभी फेरे)
- टाटानगर-गुआ मेमू (68003/68004)
- टाटानगर-बरकाकाना मेमू (68085/68086)
- टाटानगर-हटिया मेमू (68035)
- हटिया-टाटानगर मेमू (68036)
- टाटानगर-बड़बिल मेमू (68125/68126)
- चाकुलिया-टाटानगर-चाकुलिया मेमू (68127/68128)
- हटिया-राउरकेला पैसेंजर (58659)
- राउरकेला-हटिया पैसेंजर (58660)
27 नवंबर (गुरुवार) को रद रहने वाली ट्रेनें:
- टाटानगर-बरकाकाना मेमू (68085/68086)
- टाटानगर-हटिया मेमू (68035)
- राउरकेला-हटिया पैसेंजर (58660)
- टाटानगर-बड़बिल मेमू (68125/68126)
- टाटानगर-बादामपहाड़ मेमू (68133/68134)
- चाकुलिया-टाटानगर मेमू (68127/68128)
- चाईबासा-टाटानगर मेमू (68138)

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